अयोध्या

राममंदिर जज्बाती, अयोध्यावासियों को चाहिए रोजी और रोजगार

2019 लोकसभा चुनाव से पहले देखिए अयोध्या की ग्राउंड रिपोर्ट…

अयोध्याMar 14, 2019 / 01:29 pm

अनूप कुमार

राममंदिर जज्बाती, अयोध्यावासियों को चाहिए रोजी और रोजगार

अनूप कुमार
अयोध्या. देश और प्रदेश की सियासत की चर्चा अयोध्या के बगैर अधूरी है। बात चाहे राममंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद की हो या फिर भगवान राम के प्रति अगाध श्रद्धा की। हर किसी के जेहन में अयोध्या आ ही जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया है लेकिन, यहां की संसदीय सीट का नाम अब भी सरकारी रिकॉर्ड में फैजाबाद ही है। गांव और कस्बों में अभी लोगों की जुबान पर अयोध्या नाम नहीं चढ़ पाया है। चुनावी बेला में ग्राउंड जीरो पर उतरकर पत्रिका टीम ने मतदाताओं का मन टटोलने की कोशिश की। फैजाबाद से अयोध्या नाम बदलने पर भी जनता में कोई खासउत्साह नजर नहीं आया। आमजन तो अयोध्या का विकास चाहता है। नौकरी और सुविधाएं चाहता जो फिलहाल, अभी दूर की कौड़ी है। पेश है रिपोर्ट-
 

पर्यटन का भी हो विकास

अयोध्या में हजारों लोग रोजाना यहां की गलियों से होकर सरयू तट तक पहुंचते हैं। पूजा-पाठ करते हैं। घाट पुरोहित समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश पांडे कहते हैं,अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जरूरी है। यह काम सिर्फ बीजेपी सरकार ही कर सकती है। युवा शिव शंकर पांडे कहते हैं धर्म और आस्था अपनी जगह है। रोजगार के लिए कल-कारखानों और शिक्षा के लिए अच्छे संस्थानों की जरूरत है। मंदिर चुनावी मुद्दा बने कोई एतराज नहीं लेकिन रोजगार के माध्यम बढ़ें। युवा अनुराग मिश्र की भी यही शिकायत है। वे कहते हैं अयोध्या हमेशा से राम मंदिर के नाम पर ठगी जाती रही है। यहां बेरोजगारी बड़ी समस्या है। लाखों लोग हर साल अयोध्या आते हैं लेकिन पर्यटन विकास की दिशा में कुछ भी नहीं हुआ।
 

संसदीय अंकगणित

कुल आबादी- 278 0531 लाख
कुल मतदाता-1771395
महिला मतदाता- 822435
पुरुष मतदाता-948869
कुल मतदान केंद्र- 1128

 

जातीय समीकरण

फैजाबाद संसदीय सीट पर 6 मई को मतदान होगा। यहां पिछड़ी जाति के मतदाता निर्णायक हैं। दलित और सवर्ण मतदाता भी अच्छी तादात में हैं। लेकिन, पिछड़े और दलित वोटरों की एकजुटता ही सांसद चुनती रही है। इसलिए हर राजनैतिक दल की निगाह इसी वोट बैंक पर रहती है।
 

चुनाव में प्रत्याशियों पर एक नजर

पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह ने सपा प्रत्याशी तेज नारायण पांडे को हराया था। कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल खत्री तीसरे और बसपा चौथे स्थान पर थी। कांग्रेस से निर्मल खत्री मैदान में हैं। भाजपा और सपा बसपा गठबंधन ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं। भाजपा से विनय कटियार का नाम भी चर्चा में है। यह सीट गठबंधन में सपा के खाते में में है। तेज नारायण पांडे पवन और पूर्व सांसद स्वर्गीय मित्रसेन यादव के बेटे आनंद सेन यादव के नाम चर्चा में हैं।
 

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