श्रावण शुक्ल तृतीया से शुरू होता है झूलनोत्सव इस वर्ष 28 जुलाई माह से सावन के झूला मेला का शुरुवात होगा जिसको लेकर अयोध्या के मंदिरों को सजाने के कार्य किया जा रहा है, अयोध्या में झूलनोत्सव की शुरुवात भगवान के विग्रह को मणि पर्वत पर झूला झूलने के साथ हो जाता है। इस झूलनोत्सव की परंपरा को कई हजारो वर्षो से चल रही है अयोध्या के सभी मंदिरों के विग्रह को श्रावण शुक्ल तृतीया की तिथि को इस स्थान पर झुला झुलाते है उसके बाद पूरी अयोध्या के सभी मंदिरों में झुलानोत्सव की शुरुवात हो जाती है.
माता सीता द्वारा शुरू हुआ झूलनोत्सव को परम्परा इस झूलनोत्सव की परम्परा से मणि पर्वत का विशेष महत्व माना जाता है मणि पर्वत मंदिर के पुजारी ने बताया कि अयोध्या में झूलनोत्सव की परम्परा आदिकाल से है यह परम्परा माता सीता जब विवाह के उपरांत अयोध्या पहुची थी. श्रावण माह को मनाने के लिए माइके जाती है लेकिन सीता माता जनकपुर ना जाकर इस स्थान को ही माइके मानकर इस स्थान पर पंचमी मनाई और झुला झूली थी तभी से इस स्थान को पर झूलनोत्सव की परम्परा चल रही .