मंदिर -मस्जिद विवाद के पूर्व पैरोकार इकबाल अंसारी कहते हैं, “सरयू में न जाने कितना पानी बह गया है। विवाद पर विराम लग चुका है। खुशी और गम जैसी कोई बात नहीं है। अब केवल अयोध्या विकास की राह पर है। हम सभी लोगों को धर्म, सम्प्रदाय, जाति और पंथ को छोड़कर अयोध्या के उत्तरोत्तर प्रगति में हम कदम बनाना चाहिए। मार्ग में आने वाली समस्याओं को दूर करने में सहायक की भूमिका अदा करनी होगी।”
‘अयोध्या धर्म की नगरी है’
HT की रिपोर्ट के मुताबिक, अंसारी ने आगे कहा, “अयोध्या धर्म की नगरी है। हमेशा से हिंदू और मुसलमान के बीच यहां सौहार्द बना रहा। कोर्ट के फैसले का सम्मान पूरे देश के मुसलमानों ने किया। हिंदू और मुसलमान दोनों पुरानी बातों को भूलकर अब केवल रोजगार कर रहे हैं। देश हिंदू ,मुस्लिम ,सिख और ईसाई से मिलकर चल रहा है। भाईचारा के साथ एक दूसरे के पीछे हमदर्दी होनी चाहिए।”‘भगवान राम ने कभी किसी को तकलीफ नहीं पहुंचाई’
इसके बाद एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, “अयोध्या भगवान राम की नगरी है भगवान राम ने कभी किसी को तकलीफ नहीं पहुंचाई, सबको साथ लेकर चले। आज मंदिर बन गया है लोग दर्शन और पूजा कर रहे हैं । भगवान और अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर लोगों को चलना चाहिए, भाईचारा से रहेंगे तभी तरक्की होगी। भगवान राम ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचा इसलिए एक दूसरे के प्रति लोगों को वफादारी बरतनी चाहिए।” यह भी पढ़ें