वहीं मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुलह-समझौता कमेटी में सदस्य नामित किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू को हलफनामा देकर सुन्नी सेंट्रल बोर्ड की ओर से दावा छोड़ने की बात सामने आई है, लेकिन इसका कोई मतलब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में ऐसा कुछ भी दायर नहीं हुआ है, यह अफवाह है। हम सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही मानेंगे। साथ ही इकबाल अंसारी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता एमआर शमशाद ने बताया कि पिछले दो महीनों में सुन्नी वक्फ बोर्ड के रवैये में बदलाव आया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में कुल छह मुस्लिम पक्षकार हैं, जिनमें से सुन्नी वक्फ बोर्ड भी एक था।
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने बताया कि केस वापस लेने के बोर्ड के फैसले की जानकरी फिलहाल उन्हें नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्हें वक्फ बोर्ड ने केस वापस लेने की कोई सूचना नहीं दी है। आपको बता दें कि अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में आठ मुस्लिम पक्षकारों ने केस दायर किए हैं। जिसमें से मुख्य पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दो केस दायर किए गए हैं।