…इससे बेहतर अयोध्या नहीं हो सकती
उन्होंने कहा कि जिस तरह से
अयोध्या का निर्माण किया जा रहा है, इससे बेहतर अयोध्या नहीं हो सकती। मुझे लगता है कि इसमें प्रधानमंत्री मोदी की दृष्टि बहुत काम कर रही है। मेरी नजर में वो ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने भारतीयता और वसुधैव कुटुंबकम को लेकर समाज को आगे किया है। उन्होंने श्रीराम के प्रतीक को चुनते हुए श्रीराम को पुनरागमन कराया, जिसके कारण वो बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं।
भगवान श्रीराम ने हर प्रकार के लोगों को अपने साथ जोड़ा
यतिंदर मिश्रा ने आगे कहा कि भारत की संस्कृति जिस एक कथा और एक महाकाव्य पर टिकी है, वो
श्रीराम की कथा है। चाहे वो वाल्मीकि रामायण हो, रामचरित मानस हो या अध्यात्म रामायण हो। भारत के किसी भी कोने में चले जाएं, भगवान राम ने वनवास के समय में जो लंका अभियान किया है, उन्होंने हर जगह सभी प्रकार की जातियों, दलितों और वंचितों को अपने साथ जोड़ा है। उन्होंने पूरे भारत का प्रतिनिधित्व किया और नायक बने। अगर वो सिर्फ अयोध्या के राजकुमार होते तो वो एक कथा में समा जाते, लेकिन उन्होंने सबको साथ जोड़ा, इसलिए सभी लोगों ने श्री राम को अपने जीवन का आधार बनाया।