सिर्फ श्रीराम ही नहीं अयोध्या में पूजे जाने वाले हनुमान जी और तमाम अन्य मठ-मंदिरों में चढ़ाये गए फूलों का प्रयोग इन अगरबत्तियों को बनाने में किया जा रहा है। मठ-मंदिरों में जब भगवान के पूजन के बाद ये फूल वेस्ट हो जाते हैं, उन्हें इकठ्ठा कर इनसे अगरबत्ती व धूपबत्ती बनाई जाती है और फिर उसे भगवान को ही समर्पित कर दी जाती है। पहले चढ़ाए गए फूल नदियों में विसर्जित कर दिए जाते थे, जिससे प्रदुषण बढ़ता था। लेकिन, इस तकनीक से चढ़ाए गए फूल से अगरबत्ती बनाई जा रही है, जिससे वातावरण भी साफ है और महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है।
अयोध्या में व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा
इस फैक्ट्री में काम कर रही एक महिला का कहना है कि इसमें काम करने से हमारी जीविका चलती है और प्रभु श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा से हम सब अतिउत्साहित हैं। अयोध्या में तरह तरह के व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है। चाहे वह राम मंदिर मॉडल बनाने का व्यापर हो या फिर झंडा बनाने का या पूजित फूलों से अगरबत्ती बनाने का। इन सब फैक्ट्रियों में काम करने के लिए महिलाओं और पुरुषों को रखा जा रहा है, जिससे उनकी जीविका चल रही है।
इस फैक्ट्री में काम कर रही एक महिला का कहना है कि इसमें काम करने से हमारी जीविका चलती है और प्रभु श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा से हम सब अतिउत्साहित हैं। अयोध्या में तरह तरह के व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है। चाहे वह राम मंदिर मॉडल बनाने का व्यापर हो या फिर झंडा बनाने का या पूजित फूलों से अगरबत्ती बनाने का। इन सब फैक्ट्रियों में काम करने के लिए महिलाओं और पुरुषों को रखा जा रहा है, जिससे उनकी जीविका चल रही है।