उन्होंने कहा, “इस शोध में यात्रियों को प्रेरित करने वाली प्रमुख छवि विशेषताओं के बारे में जागरूकता और समझ को मापने के लिए गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों तरीकों को शामिल किया गया। इसका उद्देश्य विभिन्न सामाजिक-जनसांख्यिकीय समूहों में कथित गंतव्य छवि को मापना भी शामिल था।”
उन्होंने कहा, “इन दिनों ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर्यटकों को छुट्टियों की योजना बनाने में मदद करते हैं। घरेलू पर्यटकों के लिए, गंतव्य चुनने के लिए शीर्ष प्रेरकों में प्रियजनों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाली और सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त जगह शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में अद्वितीय पर्यटन स्थल की कल्पना ने पर्यटन विकास में अहम भूमिका निभाई है।”
शोधकर्ताओं ने पर्यटकों के तीन अलग अलग वर्गों की पहचान की वो थे – खोजकर्ता, परंपरावादी, और कुछ ज्यादा की चाहत रखने वाले। पता चला कि प्रत्येक समूह का व्यवहार और प्राथमिकताएं अलग हैं। कुछ अलग, अनूठे स्थानों और प्राकृतिक सुंदरता की तलाश से लेकर स्ट्रिक्ट बजट यानी योजनाबद्ध तरीके से राशि खर्च करने में यकीन रखने वाले और ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को शीर्ष पर रखने वाले भी शामिल है।
यूपी बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाओं के साथ बना पर्यटन का गढ़
उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “इस शोध द्वारा प्रदान की गई अंतर्दृष्टि पर्यटन के भविष्य को आकार देने के लिए अमूल्य है। हम स्वच्छता, बेहतर परिवहन सुविधाओं और बजट-अनुकूल आवास पर ध्यान केंद्रित करके पर्यटन अनुभव को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हाल के वर्षों में , उत्तर प्रदेश बेहतर बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और सुविधाओं के साथ पर्यटन का गढ़ बन गया है। 12 समर्पित पर्यटन सर्किटों के साथ, हम हर पर्यटक की पसंद को पूरा करते हैं, हर रुचि के मुताबिक डेस्टिनेशन हैं। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर आगंतुक अपने साथ सुखद यादें और वापस लौटने की इच्छा के साथ यहां से विदा हो।”