अयोध्या के वृद्ध आश्रम विनती है बुजुर्ग महिलाएं लेकिन जब उनकी जिंदगी के बारे में जानने की कोशिश की जाए, तो अधिकतर परिवार से उपेक्षित होने के कारण वृद्धाश्रम में रहने के लिए मजबुर है।
घर से बाहर करने के लिए बहू ने तोड़ दी थी टांग अयोध्या के विद्याकुंड क्षेत्र स्थित वृद्धाश्रम में रह रही 65 वर्षीय उर्मिला ने बताया कि लखनऊ के रहने वाले हैं। यहां पर इसलिए आए हैं, कि घर में 5 लड़कियां और एक लड़का था। सभी लड़कियों की शादी भी हो गई है।
घर पर बहू भी अक्सर विवाद करती थी। एक बार बहु ने हमारी टांग तोड़ दी। उसके बाद हम यहां चले आए। वही कहां की परिवार की याद आती है।
लेकिन विवाद के कारण हम और हमारे पति दोनों वृद्ध आश्रम में आकर रह रहे हैं। यहां पर कोई दिक्कत नहीं है। भगवान का भजन करते हुए हम लोग अच्छे से रह रहे हैं।
बहू के झगड़े अच्छा है वृद्ध आश्रम 72 वर्षीय शांति देवी ने कहा कि घर मे रहने के लिए बहुत ही परेशानी हुई, अक्सर बहु झगड़ा लड़ाई करके बाहर भगा देती थी। बहू के कहने पर बेटा ने घर से निकाल दिया । तो यहाँ वृद्ध आश्रम में चले आए। अब यही हमारा पूरा जीवन बीत रहा है।
जब तक रहेंगे यही पर रहना सही लगता है। इस आश्रम में बहुत ही अच्छी व्यवस्था मिल रही है। पूरा घर जैसा लोग एक दूसरे के साथ मिलकर रह रहे हैं। बेटे ने किया बेघर तो अयोध्या में मिला सहारा
औरंगाबाद से अयोध्या वृद्धाश्रम में रह रही बुजुर्ग महिला ने बताया कि परिवार में बात विचार के बाद जब बेटा ने घर जाने के लिए बोल दिया, तो हम यहां चले आए। पति के लिए छोड़ दिया घर
हम यहां पर अपने पति के साथ रह रहे हैं। पति के साथ ही जीवन यापन कर रहे हैं। तो वही बताया कि परिवार में पूरी झगड़े का जड़ हमारे पति को लेकर चल रहा था।
बेटे का कहना था कि पति से बात करना छोड़ दो। लेकिन पति के बिना कोई कैसे रह पाएंगे। ऐसा नहीं हो सकता कि पति से कोई बात न करें। इसलिए हम लोग घर छोड़ दिए।