डीएम ने आगे कहा कि जो जमीन उनके पिता ने खरीदी है, उसका महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से और राम जन्मभूमि ट्रस्ट से लेना देना नहीं है। उनका दावा है कि महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट के द्वारा किए गए भूमि विक्रय के संबंध में उनके व उनके पिता के खिलाफ असत्य रिपोर्ट चलाई जा रही है।
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अधिकारियों पर है आरोप बता दें कि अनुज झा 21 फरवरी 2020 से 23 अक्टूबर इसी साल तक अयोध्या के जिलाधिकारी रहे। वर्तमान में अनुज झा राज्य सरकार के पंचायती राज में निदेशक हैं और लखनऊ में रहते हैं। उनपर आवासीय (गैर कृषि) जमीन अयोध्या के तुलसीनगर के रहने वाले मंशाराम सिंह से जमीन खरीद का आरोप है। जमीन की रजिस्ट्री में बद्री झा का पता बिहार के मधुबनी जिले में स्थित उनके गांव का है। दरअसल, नवंबर 2019 में अयोध्या में श्रीराम मंदिर का रास्ता साफ होने के बाद नए सिरे से अयोध्या के विकास का खांका खींचा जाने लगा। अयोध्या का विकास प्राधिकारण क्षेत्र बढ़ाया गया, जिसमें व्यावसायिक और नए आवासीय क्षेत्र को चिन्हित करते हुए नया मास्टर प्लान बनाया जाने लगा। नवंबर के अंत तक मास्टर प्लान फाइनल हुआ। लेकिन आरोप है कि डीएम, कमिश्नर, विकास प्राधिकारण, नगर, पुलिस ट्रैफिक, जिला प्रशासन के विभागों से जुड़े तमाम अधिकारियों के रिश्तेदारों ने जमीनें खरीद लीं। इसी की जांच की जानी है। इसमें देखा जाएगा कि क्या खरीदी गई जमीनें प्राइम लोकेशन पर हैं। अगर हैं तो इसकी जानकारी परिवार वालों को कैसे हुई।
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