अयोध्या

भाजपा के पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी का निधन, मंगलवार को अयोध्या में होगा अंतिम संस्कार

कम्युनिस्ट पार्टी के गढ़ मिल्कीपुर (Milkipur) में भाजपा (BJP) का जलवा कायम करने वाले पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी (Mathura Prasad Tiwari) (76 वर्ष) का कुमारगंज थाना क्षेत्र के पिठला गांव में निधन हो गया। मंगलवार को अयोध्या में उनका अंतिम संस्कार होगा।
 
 

अयोध्याOct 17, 2022 / 02:37 pm

Sanjay Kumar Srivastava

भाजपा के पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी का निधन, मंगलवार को अयोध्या में होगा अंतिम संस्कार

कम्युनिस्ट पार्टी के गढ़ मिल्कीपुर में भाजपा का जलवा कायम करने वाले पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी (76 वर्ष) का कुमारगंज थाना क्षेत्र के पिठला गांव में निधन हो गया। वह काफी समय से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे। मथुरा प्रसाद तिवारी वर्ष 1991 में मिल्कीपुर विधानसभा से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी का जलवा रहता था। ऐसे वक्त जब भाजपा का भगवा झंडा उठाने को कोई तैयार नहीं था, तब मथुरा प्रसाद तिवारी ने क्षेत्र में भाजपा के लिए काम किया। और कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी को लगातार चुनौती दी। कई बार हारे पर सन 1991 में मथुरा प्रसाद तिवारी भाजपा के बैनर के तले अपनी जीत दर्ज की। निधन की सूचना पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनके गांव में जुटने लगे। मंगलवार को अयोध्या में उनका अंतिम संस्कार होगा।
सन 1991 में कमलासन पाण्डेय को हरा कर बने एमएलए

मथुरा प्रसाद तिवारी मिल्कीपुर भाजपा का उस समय नेतृत्व करते थे जब भारतीय जनता पार्टी का कोई झंडा उठाने को तैयार नहीं था। सन 1991 में राम मंदिर आंदोलन में भाजपा की लहर चल रही थी और मथुरा प्रसाद तिवारी ने कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार कमलासन पाण्डेय को 415 मतों से पराजित करके विधानसभा में दस्तक दे दी।
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जनसंघ से शुरू की राजनीति

उनके पुराने साथी अब सपा नेता घनश्याम त्रिपाठी बताते हैं कि, पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी का पूरा जीवन आरएसएस और जनसंघ को समर्पित रहा। जनसंघ के जमाने से उन्होंने राजनीति शुरू की। पहली बार 1985 में मिल्कीपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार मित्रसेन यादव से वह चुनाव हार गए।
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सिर्फ एक बार चुने गए विधायक

घनश्याम त्रिपाठी आगे बताते हैं कि, 1989 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। 1991 में कमलासन पांडे को पराजित करके वह विधायक बने और 1993 में फिर मित्रसेन यादव से चुनाव हार गए।
अयोध्या होगा अंतिम संस्कार

मंगलवार को अयोध्या में उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके निधन की खबर लगते ही उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कुमारगंज के पिठला गांव में समर्थकों और पार्टी नेताओं की भीड़ जुटना शुरू हो गई है।

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