स्टेट बैंक के अफसरों ने बताया कि हर रोज हजारों की संख्या में बैंक से दान करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारियां मांगी जा रही हैं। भूमि पूजन कार्यक्रम में हालांकि, सीमित लोगों को आमंत्रण भेजा गया है लेकिन फिर भी हर रोज सैकड़ों लोग मंदिर निर्माण के लिए सीधे बैंक पहुंचकर दान कर रहे हैं। बैंक अफसरों के अनुसार भूमि पूजन की तारीख तय होने के बाद बड़ी संख्या में धनराशि स्थानांतरित हो रही है। ट्रस्ट के खाते में ऑनलाइन व्यवस्था के अतिरिक्त चेक से भी धनराशि जमा हो रही है। अभी तक सबसे बड़ा दान पटना स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव व पूर्व आइपीएस अफसर कुणाल किशोर के दो करोड़ रुपए का है। महाराष्ट्र के एक दानदाता ने भी एक करोड़ जमा किया है। बैंक अफसरों का कहना है कि तकनीकी कारणों से अभी विदेशी राशि बैंक में जमा नहीं हो रही है। इससे विदेशी भक्तों को निराश होना पड़ रहा है।
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एसबीआइ में है खाता
इसी साल फरवरी माह में मंदिर निर्माण के लिए भारतीय स्टेट बैंक में खाता खोला गया था। लॉकडाउन अवधि में ही साढ़े चार करोड़ रुपए खाते में जमा हो चुके थे। रामलला के पहले के पुराने चढ़ावे को मिलाकर इस समय ट्रस्ट के खाते में 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जमा हो चुकी है।
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ट्रस्ट आफिस में नगद जमा
बड़ी संख्या में लोग 1101 रुपए, 501 रुपए और 101 रुपए का दान भेज रहे हैं। रामभक्त ट्रस्ट कार्यालय में भी कैश दान कर रहे हैं। औसतन 50 से 80 हजार रुपए ट्रस्ट के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्त हर रोज बैंक में जमा करा रहे हैं। ट्रस्ट के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्त के अनुसार प्रसिद्ध कथा वाचक मोरारी बापू के स्थानीय प्रतिनिधियों ने सूचना दी है कि 5 अगस्त से पहले उनका ट्रस्ट बैंक खाते में 20 करोड़ से अधिक की राशि जमा कराएगा।