अयोध्या

Deepotsav 2020: 500 साल बाद जले खुशियों के 15 हजार दीप, योगी सरकार ने तोड़ा खुद का रिकार्ड

– अयोध्या के एक साथ जले 5 लाख 84 हजार 572 दीपक- वर्चुअल दीपावली की गवाह बनी रामनगरी- कोरोना के खौफ पर भारी पड़ा भक्तों का उत्साह- गढ़ा नया नारा- ‘सोशल डिस्टेसिंग रीत है, डर के आगे जीत है’- दीपोत्सव में 1900 लीटर से अधिक तेल का इस्तेमाल- 5 लाख 51 हजार दीपों को ही जलाने का था लक्ष्य- 11 रथों में समाई पूरी रामायण की रंगारंग झांकी- राममंदिर निर्माण के फैसले के बाद पहला दीपोत्सव

अयोध्याNov 13, 2020 / 07:48 pm

Abhishek Gupta

Deepotsav 2020 update

पत्रिका लाइव.
महेंद्र प्रताप.
अयोध्या. रामनगरी में सरयू के 24 घाटों पर न कोरोना महामारी का खौफ न सरकार की चेतावनी का असर। यहां डर और चेतावनी भूल सभी लंबे समय की उदासी दूर करने के यत्न में जुटे थे। हर कोई अंधियारा मिटा उजियारा भरने की चाहत में आया था। श्रीराम के जयकारों के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार भी खुद के बनाए रिकार्ड को तोडऩे को बेताब दिखी। हर्ष और उल्लास के बीच दीपोत्सव का तीसरा रिकार्ड टूट रहा था तो चौथा बनने की ओर था। यूं तो रामनगरी अयोध्या धनतेरस पर ही पूरी तरह जगमग हो उठी थी, लेकिन छोटी दीपावली का नजारा कुछ और ही था। राममंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 492 वर्ष बाद रामजन्म भूमि परिसर में पहली दीपावली भव्य तरीके से मनाई गयी। रामलला परिसर में एक साथ शुद्ध देशी घी के जब 15 हजार दीप जले तब घंटों-घडिय़ाल की आवाज से पूरी अयोध्या गुुजायमान हो उठी। सूर्यास्त होते ही राम की पैड़ी और सरयू के दर्जनों अन्य घाटों और कुंडों पर एक साथ करीब छह लाख दीपक झिलमिला उठे। दुनियाभर से राम के नाम पर ऑनलाइन दीपक भी जलाए गए। इस तरह पहली बार वर्चुअल दीपोत्सव के शुरुआत की भी गवाह बनी अयोध्या।
ये भी पढ़ें- इस व्यापारी की मन गई Diwali, CM Yogi ने खरीद डाला सारा बचा हुआ सामान

सोशल डिस्टेसिंग रीत है, डर के आगे जीत है
कोरोना काल में योगी आदित्यनाथ का यह पहला मेगा इवेंट था। कोविड-19 की तमाम पाबंदियों और बंदिशों के बावजूद अयोध्यावासी दीपोत्सव के ऐतिहासिक पल कागवाह बनने के लिए सरयू तट और रामलला परिसर में उमड़ पड़े। हर कोई राम लला के लिए दीप जलाना चाहता था। इसलिए कहीं बंदिशें टूटीं तो कहीं कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ। लेकिन, लंबे समय बाद पहली बार लोगों के चेहरे पर मुस्कराहट दिखी। गोंडा से राम के नाम का दीपक जलाने आए रमाशंकर ने कहा, कोविड अपनी जगह, त्योहार का उत्साह अपनी जगह। कब तक घरों में रहेंगे। बाहर तो निकलना ही होगा। कमोबेश, रामलला परिसर की ही तरह का माहौल राम की पैडी और अन्य घाटों पर दिखा। हर कोई त्योहार के उल्लास में डूबा जश्न में सराबोर दिखा। सभी में दीपक जलाने की होड़ थी। उत्साही लोगों ने कोरोना से जंग जीतने का नया नारा भी गढ़ लिया है-सोशल डिस्टेसिंग रीत है,डर के आगे जीत है। घाट पर जगह-जगह यह नारा गूंज रहा था। यह उत्साह ही था कि देखते ही देखते अयोध्या के 24 घाटों पर 5 लाख 84 हजार 572 दीपक जलाए गए। ऐसे कर अवध विश्वविद्यालय ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया। जबकि, 5.51 लाख दीपों को ही जलाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए 1900 लीटर से अधिक तेल का इस्तेमाल हुआ।
ये भी पढ़ें- Ram Mandir Trust से नाराज महंत धर्मदास ने गृह मंत्रालय को भेजा नोटिस, कहा- Supreme Court भी जाएंगे

चप्पे-चप्पे पर मौजूद गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की टीम-
इसके पहले उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर के सामने दीपक जलाकर विशेष पूजन-अर्चन किया। मंदिर परिसर से लेकर सरयू के घाटों और गलियों में गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की टीम मौजूद थी। टीम अगले एक दो दिनों में दीपोत्सव के नए रिकार्ड का ऐलान करेगी।
सीएम योगी ने किया भगवान का राजतिलक-
दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे आनंदीबेन पटेल और योगी आदित्यनाथ के साथ मंत्रिमंडल के कई सहयोगियों ने मिलकर प्रभु राम के स्वरुपों की अगवानी की और उन्हें रामकथा पार्क के मंच पर तक लेकर आए। यहां श्रीराम राज्याभिषेक समारोह दोपहर साढ़े तीन बजे से शुरु होकर शाम पांच बजे तक चला। मुख्यमंत्री व राज्यपाल ने भगवान का राजतिलक किया। दीपोत्सव पर डाक विभाग के विशेष कवर का अनावरण किया। फिर रामकथा पार्क से स्वर्गद्धार घाट पहुंचे और मां सरयू की आरती की। फिर मुख्यमंत्री और राज्यपाल रामपैड़ी पहुंचीं और दीपोत्सव का शुभारम्भ किया। सीएम ने बटन दबाकर वर्चुअल दीपोत्सव वेब पोर्टल का शुभारंभ किया तो देश-विदेश से लाखों दिए एक साथ जल उठे।
deepotsavupdate1.jpg
त्रेतायुग की याद दिला रही तुलसी कथा रघुनाथ की-
दिव्य दीपोत्सव के महाआयोजन के साथ अयोध्या के राजकीय तुलसी उद्यान में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने ‘तुलसी कथा रघुनाथ की प्रदर्शनी लगाई है। यहां भगवान राम की लीलाओं का चित्रों के माध्यम से वर्णन है। राजसूय यज्ञ, राम जन्मोत्सव, राम विवाह, राम वन गमन, केवट प्रसंग, भरत द्वारा पदुका ग्रहण, सीताहरण, शबरी प्रसंग, लंका दहन, संजीवनी बूटी, रावण वध, राम राज्याभिषेक प्रसंग आदि के हृदय स्पर्शी चित्र लगे हैं। यह दर्शनार्थियों को त्रेतायुग की याद दिला रहे हैं। एक बड़ी एलईडी टीवी के माध्यम से रामायण का निरंतर प्रसारण हो रहा है यह माहौल को पूरी तरह राममय बनाए हुए है।
…मानो उतर आया रामराज्य-
भव्य दीपोत्सव से पहले सुबह रंगारंग राम झांकी निकाली गई। पात्रों को देखकर ऐसा लगा मानो 11 रथों में पूरी रामायण समा गई है। नाचते-गाते सैकड़ों कलाकारों ने अयोध्या की सड़कों को राम के रंग में रंग दिया। शाम होते ही रामलला परिसर और 791 पैराणिक स्थलों समेत घर-दफ्तर असंख्य दीपों की रोशनी से नहा उठे। गोबर व मिट्टी से निॢमत दीये और जगह-जगह सजी रंगोली अवधी संस्कृति को बयां कर रही हैं।
कड़े पहरे में रामनगरी-
रामनगरी अयोध्या शुक्रवार से ही फिलहाल सील है। स्थानीय लोगों को लोकल आइडी से ही शहर में प्रवेश मिल रहा है। बाहरी को प्रवेश की अनुमति नहीं है। अयोध्या में सभी प्रवेश पॉइंट पर सुरक्षा की दृष्टि से बैरियर लगे हैं। यहां पर बना अनुमति पास के किसी का भी प्रवेश प्रतिबंधित है।

Hindi News / Ayodhya / Deepotsav 2020: 500 साल बाद जले खुशियों के 15 हजार दीप, योगी सरकार ने तोड़ा खुद का रिकार्ड

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.