नौ के नाम लेकिन सौदा से सब गायब
यह एग्रीमेंट हरीश, कुसुम पाठक व 9 अन्य लोगों के बीच हुआ था। इनमें इच्छा राम सिंह, विश्व प्रताप उपाध्याय, मनीष कुमार पुत्र राम तीरथ, सूबेदार दुबे पुत्र राम सूरज दुबे, बलराम यादव पुत्र तुलसीराम यादव, राजेंद्र प्रसाद यादव पुत्र छेदीलाल, रविंद्र कुमार दुबे, सुल्तान अंसारी और राशिद हुसैन पुत्र सादिक हुसैन हिस्सेदार थे। लेकिन इन 9 लोगों में रवि मोहन तिवारी का नाम नहीं है। हालांकि, कुसुम पाठक और हरीश पाठक का रवि मोहन तिवारी के साथ कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ। सुल्तान अंसारी के साथ एग्रीमेंट हुआ और रवि मोहन बाद में शामिल हुए। एग्रीमेंट के वक्त जमीन की कीमत 2 करोड़ रुपये थी।
यह एग्रीमेंट हरीश, कुसुम पाठक व 9 अन्य लोगों के बीच हुआ था। इनमें इच्छा राम सिंह, विश्व प्रताप उपाध्याय, मनीष कुमार पुत्र राम तीरथ, सूबेदार दुबे पुत्र राम सूरज दुबे, बलराम यादव पुत्र तुलसीराम यादव, राजेंद्र प्रसाद यादव पुत्र छेदीलाल, रविंद्र कुमार दुबे, सुल्तान अंसारी और राशिद हुसैन पुत्र सादिक हुसैन हिस्सेदार थे। लेकिन इन 9 लोगों में रवि मोहन तिवारी का नाम नहीं है। हालांकि, कुसुम पाठक और हरीश पाठक का रवि मोहन तिवारी के साथ कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ। सुल्तान अंसारी के साथ एग्रीमेंट हुआ और रवि मोहन बाद में शामिल हुए। एग्रीमेंट के वक्त जमीन की कीमत 2 करोड़ रुपये थी।
यह भी पढ़ें
AAP नेता संजय सिंह ने किया एक और बड़ा खुलासा, कहा- करोड़ों हिंदुओं से माफी मांगे भाजपा और ट्रस्ट
18 मार्च को कैंसिल हो चुका था एग्रीमेंट
आप सांसद संजय सिंह के अनुसार यह एग्रीमेंट 18 मार्च 2021 को कैंसिल हो चुका है। बावजूद इसके 18 मार्च को ही सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने शाम 7.10 बजे 1.208 हेक्टेयर जमीन 2 करोड़ रुपए में खरीदी और शाम 7.15 बजे 18.50 करोड़ रुपए में ट्रस्ट को बेच दी।
11 साल से अटका था दाखिल खारिज
जो जमीन खरीदी गयी वह विवादित थी। 2019 तक हरीश पाठक के जमीन सौदों पर कुल 9 मुकदमे दर्ज हुए। हरीश पाठक और कुसुम पाठक 2011 से लगातार इस जमीन का सौदा कर रहे थे। 20 नवंबर 2017 को एक एग्रीमेंट 2 करोड़ 16 लाख में हुआ जो बाद में रद्द हो गया। इन्हीं विवादों के चलते हरीश और कुसुम इस जमीन को 11 सालों में दाखिल खारिज नहीं करा पाए। लेकिन, ट्रस्ट से सौदा होते ही दाखिल खारिज हो गया।
जो जमीन खरीदी गयी वह विवादित थी। 2019 तक हरीश पाठक के जमीन सौदों पर कुल 9 मुकदमे दर्ज हुए। हरीश पाठक और कुसुम पाठक 2011 से लगातार इस जमीन का सौदा कर रहे थे। 20 नवंबर 2017 को एक एग्रीमेंट 2 करोड़ 16 लाख में हुआ जो बाद में रद्द हो गया। इन्हीं विवादों के चलते हरीश और कुसुम इस जमीन को 11 सालों में दाखिल खारिज नहीं करा पाए। लेकिन, ट्रस्ट से सौदा होते ही दाखिल खारिज हो गया।
यह भी पढ़ें
ट्रस्ट पर एक और आरोप, राम मंदिर के नाम पर प्राचीन मंदिरों का आस्तित्व खत्म करने की साजिश
सर्किल रेट से तीन गुना दाम
ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जो जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी उसका सर्किल रेट 5 करोड़ 80 लाख है। हालांकि, ट्रस्ट का कहना है कि जमीन की कीमत मार्केट रेट से काफी कम है।
यह है नियम
राजस्व विभाग के अनुसार सरकार किसी भी जमीन लेती है तो शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट से दोगुना और ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना से ज्यादा मुआवजा नहीं दिया जाता। लेकिन ट्रस्ट ने सर्किल रेट से तीन गुना ज्यादा पैसा दिया।
राजस्व विभाग के अनुसार सरकार किसी भी जमीन लेती है तो शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट से दोगुना और ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना से ज्यादा मुआवजा नहीं दिया जाता। लेकिन ट्रस्ट ने सर्किल रेट से तीन गुना ज्यादा पैसा दिया।