पत्रिका न्यूज नेटवर्क अयोध्या. राम जन्मभूमि की खोदाई में निकली मिट्टी भी श्रद्धालुओं के लिए पूज्य है। भक्त इस मिट्टी को घर ले जाते हैं और अपने-अपने मंदिरों में श्रद्धापूर्वक रखते हैं। इस मिट्टी की डिमांड लगातार बढ़ रही है, जिसे कारसेवकपुरम में सावधानी और सुरक्षापूर्वक रखा गया है। अब तक देश के करीब 6000 श्रद्धालुओं की डिमांड पर उनके घरों तक यह मिट्टी पहुंचाई गई है। कुछ भक्तों को डाक सेवा से और कुछ कुछ भक्तों को निधि समर्पण अभियान से जुड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता पहुंचा रहे हैं। वहीं, दर्शन को आने वाले श्रद्धालु खुद ही कारसेवकपुरम से मिट्टी ले जा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर भी मिट्टी की भारी डिमांड है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस मिट्टी का नामकरण कर दिया है और ‘राम जन्मभूमि रजकण’ का नाम दिया है।
‘राम जन्मभूमि रजकण’ को छोटे-छोटे डिब्बों में पैक किया गया है। शुरुआत में इसे लिफाफानुमा छोटी-छोटी पैकिंग में भक्तों को मिट्टी दी गई थी। अब डिब्बे की आकर्षक पैकिंग की गई है, जिसमें सुंदर तरीके से ‘राम जन्मभूमि रजकण’ लिखा है। यहीं से भक्तों को यह मिट्टी भेंट की जा रही है। कारसेवकपुरम में रखे इन डिब्बों को भक्तों तक पहुंचाने के लिए फिलहाल पूरी गोपनीयता बरती जा रही है। कारसेवकपुरम के प्रभारी शिवदास ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि अभी मिट्टी वितरण का कोई नियोजित कार्यक्रम नहीं है। यह भगवान राम की पवित्र मिट्टी है। रामलला की मिट्टी जो भी मांगता है, उसे भेंट कर दी जाती है।
राम जन्मभूमि परिसर में होली के बाद खुदाई राम जन्मभूमि परिसर में होली के बाद खुदाई शुरू होगी। गर्भगृह के निकट चल रही विशेष धातुओं के बर्तन मिलने के बाद जिला प्रशासन ने खुदाई बंद करवा दी थी। अब जल्द ही यह शुरू होगी।