नींव निर्माण के बाद 16 फुट ऊंची बेस प्लींथ में मिर्जापुर स्टोन लगेगा। जबकि, नींव को पानी के रिसाव से बचाने के लिए प्लींथ के चारों ओर तीन लेयर में ललितपुर की ग्रेनाइट बिछाई जाएगी। इसके ऊपर तीन मंजिला 161 फुट ऊंची शिखर मंदिर का निर्माण राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से होगा। इसी तरह मंदिर की सुरक्षा के लिए भूमि के 12 फुट अंदर रिटर्निंग वॉल पर जोधपुर के स्टोन से परकोटा का निर्माण किया जाएगा।
सिंतबर तक भर ली जाएंगी सभी लेयर
नींव के निर्माण के लिए लगभग 44 लेयर बनायी जाएंगी। अभी तक 19 लेयर बन चुकी हैं। सितंबर तक लेयर निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। फिर मिर्जापुर के लाल पत्थरों से नींव की प्लींथ का कार्य शुरू होगा।
नींव के निर्माण के लिए लगभग 44 लेयर बनायी जाएंगी। अभी तक 19 लेयर बन चुकी हैं। सितंबर तक लेयर निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। फिर मिर्जापुर के लाल पत्थरों से नींव की प्लींथ का कार्य शुरू होगा।
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नवंबर से शुरू होगा पत्थरों का काम
ट्रस्ट सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा के अनुसार मंदिर में नवंबर माह से पत्थर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। राजस्थान के बंसी पहाड़पुर में अक्टूबर से पत्थरों की खदान शुरू होगी तब यहां भी पत्थर तराशी के लिए एक कार्यशाला खोली जाएगी।
किस काम में कितना पत्थर
परकोटा निर्माण-3 लाख 10 हजार घन फुट
बेस प्लींथ निर्माण-4 लाख घनफुट
पहले से तराशा गया- 1 लाख घनफुट
मंदिर निर्माण की समय सीमा तय
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2025- संपूर्ण रूप से राममंदिर हो जाएगा विकसित
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