ये भी पढ़ें- राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में टाटा कंपनी के अधिकारी भी हुए शामिल, मिल सकती है जिम्मेदारी दी गई जिम्मेदारियां-
राम मंदिर निर्माण के लिए नींव व फाउंडेशन बनाये जाने की जिम्मेदारी लार्सन एंड टर्बो कंपनी को दी गई है। मंदिर निर्माण सोनपुरा एंड कंपनी करेगी। नींव को बनाये जाने के लिए उपयोग में लाने वाली सामग्रियों की जांच और उनके सही प्रयोग किए जाने की जिम्मेदारी आईटीआई चेन्नई और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की के इंजीनियरों की होगी। इन पूरे कार्यों का मैनेजमेंट टाटा इंजीनियरिंग कंसल्टिंग कंपनी के अधिकारियों के हाथों में होगा। इसके साथ ही मंदिर निर्माण के लिए दो एक्सपर्ट- पहला अक्षरधाम मंदिर निर्माण करने वाले व दूसरा ट्रस्ट द्वारा निर्धारित इंजीनियर जगदीश आमले – को सलाहकार के रूप में रखा गया है।
राम मंदिर निर्माण के लिए नींव व फाउंडेशन बनाये जाने की जिम्मेदारी लार्सन एंड टर्बो कंपनी को दी गई है। मंदिर निर्माण सोनपुरा एंड कंपनी करेगी। नींव को बनाये जाने के लिए उपयोग में लाने वाली सामग्रियों की जांच और उनके सही प्रयोग किए जाने की जिम्मेदारी आईटीआई चेन्नई और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की के इंजीनियरों की होगी। इन पूरे कार्यों का मैनेजमेंट टाटा इंजीनियरिंग कंसल्टिंग कंपनी के अधिकारियों के हाथों में होगा। इसके साथ ही मंदिर निर्माण के लिए दो एक्सपर्ट- पहला अक्षरधाम मंदिर निर्माण करने वाले व दूसरा ट्रस्ट द्वारा निर्धारित इंजीनियर जगदीश आमले – को सलाहकार के रूप में रखा गया है।
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राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मंदिर निर्माण के दौरान व निर्माण के बाद परिसर व भगवान की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदम को लेकर विचार किया गया। एलएन्डटी, टाटा इंजीनियरिंग, अक्षरधाम मंदिर के विशेषज्ञ, ट्रस्ट द्वारा निर्धारित इंजीनियर जगदीश अग्ले, आईआईटी चेन्नई, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की से आये एक्सपर्ट के बीच मंदिर की नींव के स्वरूप व उसमें इस्तेमाल होने वाले मटीरियल को लेकर लंबी चर्चा हुई। मंदिर के साथ-साथ उसके नींव की आयु बढ़ाने को लेकर भी विचार किया गया।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मंदिर निर्माण के दौरान व निर्माण के बाद परिसर व भगवान की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले कदम को लेकर विचार किया गया। एलएन्डटी, टाटा इंजीनियरिंग, अक्षरधाम मंदिर के विशेषज्ञ, ट्रस्ट द्वारा निर्धारित इंजीनियर जगदीश अग्ले, आईआईटी चेन्नई, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की से आये एक्सपर्ट के बीच मंदिर की नींव के स्वरूप व उसमें इस्तेमाल होने वाले मटीरियल को लेकर लंबी चर्चा हुई। मंदिर के साथ-साथ उसके नींव की आयु बढ़ाने को लेकर भी विचार किया गया।
देश के सभी धर्माचार्यों से भी मांगी जाएगी राय-
उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण का कार्य एलएंडटी व सोनपुरा करेंगी, जिसका मैनेजमेंट टाटा इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा किया जाएगा। तीन दिवसीय बैठक में एलएंडटी, टाटा इंजीनियरिंग कंपनी के बीच सभी बातें फाइनल हो गई है। मंदिर निर्माण का काम बड़े ही अच्छे वातावरण में प्रारंभ होगा। रामजन्मभूमि परिसर के विकास को लेकर पूरे देश के आर्किटेक्ट से राय ली जाएगी। इसकेे साथ ही देश के सभी धर्मचार्योंं से रामजन्मभूमि परिसर को वैदिक रीति रिवाज से सजाए जाने के लिए भी राय मांगी जाएगी।
उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण का कार्य एलएंडटी व सोनपुरा करेंगी, जिसका मैनेजमेंट टाटा इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा किया जाएगा। तीन दिवसीय बैठक में एलएंडटी, टाटा इंजीनियरिंग कंपनी के बीच सभी बातें फाइनल हो गई है। मंदिर निर्माण का काम बड़े ही अच्छे वातावरण में प्रारंभ होगा। रामजन्मभूमि परिसर के विकास को लेकर पूरे देश के आर्किटेक्ट से राय ली जाएगी। इसकेे साथ ही देश के सभी धर्मचार्योंं से रामजन्मभूमि परिसर को वैदिक रीति रिवाज से सजाए जाने के लिए भी राय मांगी जाएगी।