ये भी पढ़ें- राम मंदिर निर्माण को लेकर आया बड़ा अपडेट, मुख्य वास्तुकार ने दी खुदाई से लेकर संपूर्ण निर्माण तक की पूरी जानकारी पहले दर्शनार्थियों को कर दिया जाता था वापस-
पूर्व में जो दर्शनार्थी यदि घड़ी, बेल्ट, पेन, कंघी, मोबाइल जैसी वस्तुएं लेकर दर्शन करने आ रहे थे, उन्हें सुरक्षा कारणों के चलते वापस कर दिया जाता था। मंदिर परिसर में त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा है, जिसमें कोई भी आपत्तिजनक वस्तु के साथ श्रद्धालुओं के दाखिल होने पर मनाही है। हालांकि मंदिर मार्ग पर दर्शनार्थियों के लिए थोक के भाव में लॉकर थे, लेकिन कुछ को छोड़ कर बाकी सभी खराब है। यही नहीं, लॉकर में रखने के लिए दर्शनार्थियों से प्रति वस्तु दस रुपए भी वसूले जाते थे, जो आर्थिक रुप से श्रद्धालुओं की आस्था को आहत करने वाला था। इस पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भी विचार कर रहा था।
पूर्व में जो दर्शनार्थी यदि घड़ी, बेल्ट, पेन, कंघी, मोबाइल जैसी वस्तुएं लेकर दर्शन करने आ रहे थे, उन्हें सुरक्षा कारणों के चलते वापस कर दिया जाता था। मंदिर परिसर में त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा है, जिसमें कोई भी आपत्तिजनक वस्तु के साथ श्रद्धालुओं के दाखिल होने पर मनाही है। हालांकि मंदिर मार्ग पर दर्शनार्थियों के लिए थोक के भाव में लॉकर थे, लेकिन कुछ को छोड़ कर बाकी सभी खराब है। यही नहीं, लॉकर में रखने के लिए दर्शनार्थियों से प्रति वस्तु दस रुपए भी वसूले जाते थे, जो आर्थिक रुप से श्रद्धालुओं की आस्था को आहत करने वाला था। इस पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भी विचार कर रहा था।
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ट्रस्ट इसके विकल्प भी तलाश रहा था। तभी रामलला के दर्शन मार्ग पर स्थित आस्था के एक अन्य सुप्रसिद्ध केंद्र अमावा राम मंदिर के प्रबंधक एवं पूर्व आइपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल से ट्रस्ट ने लॉकर सुविधा के लिए सहयोग मांगा है। इस पर आचार्य ने लॉकर बनवाने शुरू कर दिए। फिलहाल वह दो सौ लॉकर बनवा चुके हैं। जिसमें दर्शनार्थी अपने सामान रखकर दर्शन को जा सकेंगे। यह सेवा निःशुल्क होगी। आगे चलकर सभी दर्शनार्थियों के लिए यह सुविधा होगी। इसमें अमावा राम मंदिर का वृहद परिसर उनकी सहायता में लगे हैं।
ट्रस्ट इसके विकल्प भी तलाश रहा था। तभी रामलला के दर्शन मार्ग पर स्थित आस्था के एक अन्य सुप्रसिद्ध केंद्र अमावा राम मंदिर के प्रबंधक एवं पूर्व आइपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल से ट्रस्ट ने लॉकर सुविधा के लिए सहयोग मांगा है। इस पर आचार्य ने लॉकर बनवाने शुरू कर दिए। फिलहाल वह दो सौ लॉकर बनवा चुके हैं। जिसमें दर्शनार्थी अपने सामान रखकर दर्शन को जा सकेंगे। यह सेवा निःशुल्क होगी। आगे चलकर सभी दर्शनार्थियों के लिए यह सुविधा होगी। इसमें अमावा राम मंदिर का वृहद परिसर उनकी सहायता में लगे हैं।