राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि ट्रस्ट ऐसे साधु-संतों और आम लोगों की सूची तैयार कर रहा है जो रामलला के नित्य दर्शन करना चाहते हैं। इस काम के लिए सात सदस्यीय टीम बनाई गई है। साधु-संतों से संपर्क कर उनसे फॉर्म भरवाया जा रहा है। उनके आधार कार्ड की कॉपी ली जा रही है। आने वाले दिनों में उन्हें पास जारी किए जाएंगे।
अयोध्यावासी भी बनवा सकेंगे पास
आम अयोध्यावासी भी यदि रामलला के नित्य दर्शन करना चाहते हैं तो राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय संपर्क कर सकते हैं। हालांकि, ट्रस्ट कार्यालय में आवेदन स्वीकार करने की सुविधा अभी शुरू नहीं की गई है। जल्द ही इसके लिए ट्रस्ट के कर्मियों की तैनाती कर पंजीकरण की सुविधा शुरू की जाएगी।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद भीड़ के चलते टूट गई थी परंपरा
संतों का कहना है आराध्य के नित्य दर्शन भी एक साधना है अयोध्या में बड़ी संख्या में ऐसे साधु-संत हैं, जो लंबे समय से सरयू स्नान, रामलला, कनक भवन व हनुमानगढ़ी का नित्य दर्शन करते आ रहे हैं। साधु-संतों के अलावा कई आम जन भी तीनों पीठों के नित्य दर्शन करते हैं, लेकिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने से नित्य दर्शन की परंपरा भी टूट गई। वे जब भी जाते, उन्हें घंटों लाइन में लगकर दर्शन करना पड़ता है। चरणामृत, चंदन लगाने पर रोक नहीं
राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि परंपराएं यथावत हैं। दोपहर की आरती में जो श्रद्धालु होते हैं, उन्हें चरणामृत दिया जाता है। कुछ श्रद्धालुओं को पुजारी चंदन भी लगाते हैं, इनमें आम से लेकर खास तक शामिल होते हैं। इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती।