हरीश पाठक: 420 का आरोपी, घर की हो चुकी है कुर्की
बाग बगेसर जमीन बिक्री प्रकरण में प्रथम विक्रेता हरीश पाठक (Harish Pathak) साकिन पटकापुर तहसील हरैया जिला बस्ती निवासी हैं। कुसुम पाठक (Kusum Pathak) उनकी पत्नी है। यह लंबे समय से अयोध्या में जमीन की खरीद-फरोख्त धंधे से जुड़े हैं। 25 फरवरी 2009 में इन्होंने चंद्र प्रकाश दुबे और प्रताप नारायण के साथ मिलकर साकेत गोट फार्मिंग कंपनी खोली। निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। ऑफर दिया कि एक यूनिट यानि एक बकरी खरीदने पर कंपनी निवेशक को उसका पैसा दोगुना या इससे भी अधिक करके देगा। इस मामले में धोखाधड़ी के केस दर्ज हुए। घर की कुर्की तक हुई।
बाग बगेसर जमीन बिक्री प्रकरण में प्रथम विक्रेता हरीश पाठक (Harish Pathak) साकिन पटकापुर तहसील हरैया जिला बस्ती निवासी हैं। कुसुम पाठक (Kusum Pathak) उनकी पत्नी है। यह लंबे समय से अयोध्या में जमीन की खरीद-फरोख्त धंधे से जुड़े हैं। 25 फरवरी 2009 में इन्होंने चंद्र प्रकाश दुबे और प्रताप नारायण के साथ मिलकर साकेत गोट फार्मिंग कंपनी खोली। निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। ऑफर दिया कि एक यूनिट यानि एक बकरी खरीदने पर कंपनी निवेशक को उसका पैसा दोगुना या इससे भी अधिक करके देगा। इस मामले में धोखाधड़ी के केस दर्ज हुए। घर की कुर्की तक हुई।
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सुलतान अंसारी: सपा संगठन से जुड़ाव
सुलतान अंसारी (Sultan Ansari) पुत्र इरफान अंसारी उर्फ नन्हे राम कोट क्षेत्र सुतहटी कटरा जिला अयोध्या के हैं। यह अयोध्या के बड़े प्रॉपर्टी डीलरों में शामिल हैं। इनके पिता भी जमीन की खरीद-फरोख्त करते हैं। अंसारी सपा संगठन से जुड़े हैं। वर्ष 2017 के अयोध्या नगर निगम चुनाव में सपा प्रत्याशी के तौर पर कटरा विभीषण कुंड वार्ड से चुनाव भी लड़े थे, लेकिन हार गए। सोशल मीडिया पर अंसारी की दो फोटो वायरल हो रही हैं, जिनमें एक में वह अखिलेश यादव के साथ तो दूसरी में सपा सरकार में मंत्री रहे तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय के साथ हैं।
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रवि मोहन तिवारी: अयोध्या मेयर के रिश्तेदार
रवि मोहन तिवारी (Ravi Mohan Tiwari) भी अयोध्या के बड़े प्रॉपर्टी डीलर्स में से एक हैं। यह सुलतान अंसारी के पार्टनर भी हैं। अयोध्या के सीता कुंड के निवासी रवि मोहन अयोध्या नगर निगम के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के रिश्तेदार हैं जो जमीन विवाद मामले में दोनों पक्षों से गवाह हैं। रवि मोहन के पिता स्व. सीतापति तिवारी नायब तहसील दार थे, इस वजह से रवि मोहन को अयोध्या की जमीनों के बारे में अच्छी जानकारी भी है।