अयोध्या

अयोध्या में नहीं टूटी परम्परा, जानकी जन्मोत्सव कुछ इस तरह मनाया गया

Ayodhya janki janmotsav – आज मां सीता का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। सुहागिनों ने आज पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा ।

अयोध्याMay 20, 2021 / 12:03 pm

Mahendra Pratap

जानकी जन्मोत्सव : छोटी देवकाली मंदिर में निभाई गई 84 वर्षों की परंपरा

अयोध्या. Ayodhya janki janmotsav Chhoti Devkali Temple आज मां सीता का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। सुहागिनों ने आज पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा है। रामनगरी अयोध्या में जानकी जन्मोत्सव पर 84 वर्षों से चल रही परंपरा पर ब्रेक न लगे इसलिए बुधवार देर शाम मंदिर प्रशासन और कुछ स्थानीय लोगों ने छोटे से रथ पर सवार कर माता देवकाली की शोभा यात्रा निकाली। तो वही आज जानकी नवमी पर माता छोटी देवकाली मंदिर ( Chhoti Devkali Temple) भव्य आरती का आयोजन किया जाएगा पर कोविड प्रोटोकॉल के कारण किसी भी दर्शनार्थी को शामिल नही किया गया।
सिर्फ परंपरा बचाई :- अयोध्या में सैकड़ों वर्षों से होने वाले सभी धार्मिक आयोजनों पर कोरोना का साया मंडरा रहा है। पूर्व में जहां भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर होने वाले भव्य आयोजन को स्थगित कर दिया गया तो वहीं अब मां सीता के जन्मोत्सव पर मंदिरों में भव्यतापूर्वक नही मनाया जा सका है। सिर्फ परंपरा को पूरा किया गया है। अयोध्या के मध्य स्थित छोटी देवकाली जानकी नवमी पर 9 दिवसीय आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी सिर्फ परंपरा का निर्वाह किया गया है। जानकी अष्टमी पर इस वर्ष सूक्ष्म शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें सिर्फ मंदिर से जुटे लोग ही शामिल रहे और यह यात्रा मंदिर से निकाल कर सिर्फ 50 मीटर की यात्रा कर, वापस मंदिर परिसर में पहुंचा दिया गया।
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इस का जिक्र जिक्र स्कंद पुराण में है :- अयोध्या के सप्तसागर कुंड के पास स्थित छोटी देवकाली मंदिर, माता सीता की कुलदेवी के रूप में पूजा की जाती है। जिसका जिक्र स्कंद पुराण में भी किया गया है। इस मंदिर में सैकड़ों वर्षों से माता जानकी का जन्मोत्सव मनाया जाता है यह उत्सव श्री छोटी देवकाली समाज ट्रस्ट के माध्यम से मनाया जाता रहा है।

1051 बत्ती की आरती की :- छोटी देवकाली मंदिर के पुजारी अजय द्विवेदी ने बताया कि, माता छोटी देवकाली प्राचीन मंदिर है सैकड़ों वर्षों से यहां परंपरा का निर्वाह किया जाता रहा है। इस वर्ष भी कोविड-19 को देखते हुए जानकी जन्मोत्सव का आयोजन गया है। देर शाम मंदिर से जुड़े लोगों ने शोभा यात्रा की परंपरा का निर्वाह किया है तो वहीं आज जानकी नवमी पर 1051 बत्ती की आरती का आयोजन किया गया।

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