बिहार के पूर्व डीजीपी बन गए कथावाचक, अयोध्या में सुना रहे श्रीमद् भागवत कथा धर्मग्रंथों में वर्णित रुट को बनाया आधार :- योजना के अनुसार, अयोध्या की सीमा से शृंगवेरपुर से होते हुए प्रयागराज के बीच दो दर्जन से अधिक तीर्थस्थल, पर्यटन के लिहाज से विकसित किए जाएंगे। संत तुलसी दास के रामचरित मानस के अलावा अन्य धर्मग्रंथों में वन गमन का उल्लेख है उस अनुसार भगवान राम के पड़ावों को चिह्नित किया गया है।
शासन ने मांगे प्रस्ताव :- वन गमन में प्रभु श्रीराम रामचौरा, शृंगवेरपुर और कुरई में स्थित मंदिर में लक्ष्मण और सीता संग विश्राम करने का उल्लेख है। कुरई से आगे प्रभु राम प्रयागराज में भरद्वाज मुनि के आश्रम और फिर संगम पहुंचे थे। ऐसे में प्रयागराज में स्थित भरद्वाज आश्रम के अलावा दुर्वासा आश्रम, वाल्मीकि आश्रम, पराशर आश्रमों को भी धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से संवारा जाएगा। इसके लिए शासन की ओर से प्रस्ताव मांगे गए हैं।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना :- क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि, राम वन गमन मार्ग के तीर्थों और परिक्रमाओं को संवारने के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। धार्मिक पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए ऐसे तीर्थों को विकसित करने की योजना है।