राष्ट्रपति से दान प्राप्त करने के लिए मंदिर न्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, विहिप के आलोक कुमार, ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा और आरएसएस के दिल्ली नेता कुलभूषण आहूजा ने राष्ट्रपति भवन में कोविंद से मुलाकात की। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में योगदान के रूप में शुक्रवार को दो लाख रुपए की सहयोग राशि दी। मंदिर के निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट ने देश व्यापी सहयोग अभियान शुरू किया है। राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह का अभियान शुक्रवार को शुरू हुआ।
राम मंदिर का निर्माण मेरे सामने हो जाए – कल्याण सिंह
राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा कि उनकी अंतिम इच्छा है कि भव्य राम मंदिर का निर्माण उनकी आंखों के सामने हो जाए ताकि वे अपने आराध्य को जी भर कर निहार सकें। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बुजुर्ग नेता ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष के उत्तराधिकारी कमल नयन दास को अपने आवास पर मंदिर निमार्ण के लिये एक लाख रूपया दान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा “मेरी अंतिम इच्छा है कि राम मंदिर का निमार्ण पूरा देखकर ही अंतिम सांस लूं। सारा जग जानता है कि मैं भगवान राम के प्रति श्रद्धा रखता हूं। जब मुख्यमंत्री था तब भी श्रद्धा थी और आज जब नही हूं तब भी उतनी ही श्रद्धा रखता हूं। मेरी श्रद्धा में कोई अंतर नहीं आया है।”
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने भी दिए दान
विहिप के कार्यकारी अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि विहिप ने मंदिर निर्माण के वास्ते धन संग्रह के लिए अपना अभियान शुरू किया। इसकी शुरुआत देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके परिवार की ओर से 5,00,100 रुपए की राशि प्राप्त करने से हुई। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू की पत्नी ऊषा नायडू पहले ही मंदिर के निर्माण के लिए पूरे परिवार की ओर से 5,11,116 रुपयए का योगदान दे चुकी हैं। विहिप के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से भी मुलाकात की और मंदिर के निर्माण के लिए दान के रूप में 1.21 लाख रुपए प्राप्त किए, जबकि राज्य के मुख्यमंत्री ने भी 1.51 लाख रुपए का योगदान दिया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और उत्तर प्रदेश और झारखंड के राज्यपालों ने भी विहिप के प्रतिनिधिमंडलों को अपना योगदान दिया।