राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह अभियान के तहत संत-महात्माओं के साथ लाखों कार्यकर्ता गांव और मुहल्लों में जाएंगे। चंदे के लिए 10 रुपये, 100 रुपये व 1000 रुपये के कूपन बनाये गए हैं। इससे अधिक सहायता राशि देने वालों को रसीद दी जाएगी। धन संग्रह अभियान के तहत 100-100 रुपए के कूपन से 6 अरब 88 करोड़ 52 लाख 50 हजार रुपए और 10-10 के कूपन से 24 करोड़ 92 लाख 50 हजार रुपए जुटाये जाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण धन संग्रह अभियान के तहत कुल 07 अरब 13 करोड़ 45 लाख रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
स्वामी गोविंद देव गिरि ने बताया धन संग्रह अभियान के तहत करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र भी पहुंचाया जायेगा। मंदिर के इतिहास की भी जानकारी होगी। प्रयास होगा कि प्रत्येक घर में श्री राम का एक चित्र जरूर पहुंचे। इसके लिए ट्रस्ट जल्द ही एक कैंपेन लॉन्च करेगा, जिसका लक्ष्य चंदा इकट्ठा करना होगा और साथ ही लोगों को राम जन्मभूमि से जुड़े इतिहास से रूबरू कराना होगा। उन्होंने कहा कि हम देश के चार लाख गांवों और 11 करोड़ परिवारों तक पहुंचेंगे, ताकि समाज के सभी वर्ग राम मंदिर निर्माण में भाग ले सकें। उन्होंने बताया कि अरुणांचल प्रदेश, नागालैंड, अंडमान निकोबार और त्रिपुरा जैसे सुदूर के राज्यों में भी राम मंदिर की ऐतिहासिकता से रामभक्तों को अवगत कराया जाएगा।
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तीन मंजिला होगा राम मंदिर
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष ने बताया कि प्रस्तावित मॉडल के अनुसार 2.7 एकड़ में तीन मंजिला राम मंदिर का निर्माण होगा। हर तल की ऊंचाई 20 फीट होगी। 12 द्वार होंगे। मंदिर की लम्बाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट होगी। शिखर भूतल से 161 फीट ऊंचा होगा। कुल पांच शिखर होंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। आईआईटी बॉम्बे, मद्रास, गुवाहाटी, रुड़की और एलएंडटी के इंजीनियरों के द्वारा मंदिर निर्माण का प्लान बन रहा है, जल्द ही नींव को लेकर काम शुरू कर दिया जाएगा। बीते दिनों 200 फीट नीचे भुरभुरी मिट्टी पाये जाने के बाद राम मंदिर के नींव का काम रोक दिया गया था। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने उम्मीद जताई कि जनवरी में नींव का काम शुरू जाएगा।
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रामजन्मभूमि परिसर में निर्माण
श्री राम कुंड (यज्ञ शाला), कर्म क्षेत्र (अनुष्ठान मंडप), वीर मारुति की विशाल प्रतिमा, श्री रामलला पूराकालिक दर्शनमंडल (संग्रहालय), श्री राम कीर्ति (सत्संग भवन), गुरु वशिष्ठ पीठिका (अध्ययन अनुसंधान क्षेत्र), भक्त टीला (शांति क्षेत्र ध्यान एवं मनन निकुंज), तुलसी (रामलीला केंद्र 360 डिग्री थिएटर मुक्ताकाशी मंच), राम दरबार (प्रोजेक्शन थिएटर), माता कौशल्या वात्सल्य मंडप (प्रदर्शनी कक्ष एवं झांकियों का परिसर), रामांगन (बहुआयामी चलचित्रशाला), रामायण (पुस्तकालय ग्रंथालय एवं वाचनालय), महर्षि बाल्मीकि (अभिलेखागार एवं अनुसंधान केंद्र), रामाश्रयम (धर्मशाला प्रतीक्षालय एवं विश्रामालय), श्री दशरथ (आदर्श गौशाला), लक्ष्मण वाटिका (जलाशय एवं संगीत फव्वारे), लव कुश निकुंज (युवा एवं बाल क्रियाकलाप क्षेत्र), मर्यादा खंड (विशिष्ट अतिथि निवास अनुक्षेत्र), भरत प्रसाद मंडप (भंडारगृह भगवान का भोग प्रबंधन लघु क्षेत्र), माता सीता रसोई (अन्न क्षेत्र तीर्थयात्री) और सिंहद्वार के सम्मुख बनेगा दीपस्तंभ।