क्या होती है Car Warranty ?
कार वारंटी एक वाहन की सर्विस के लिए समझौता है, जिसमें कार निर्माता वाहन के पार्ट्स के टूटे हुए भागों को बदलने का कार्य करते हैं। हालांकि,एक वाहन की वारंटी सभी घटनाओं को कवर नहीं करती है। लेकिन, वाहन वारंटी दो तरह की होती है, Manufacturer’s warranty और Extended warranty. आइए बताते हैं दोनों में क्या अंतर है?
ये भी पढ़े : Car Discount June: जून में इन कारों पर मिल रहा है तगड़ा डिस्काउंट, महज 4.50 लाख रुपये है शुरुआती कीमत
Manufacture Warranty Vs Extended Warranty
आमतौर पर किसी शोरूम से जब आप कार खरीदते हैं, तो डीलर द्वारा वाहन पर कुछ सालों के लिए वारंटी दी जाती है। यह वारंटी खरीद से कुछ महीनों तक या वाहन द्वारा कवर किए गए कुछ किलोमीटर तक लागू होती है। आम तौर पर, वाहन निर्माता की वारंटी में कार की मूल कीमत शामिल होती है और इसमें कोई कटौती नहीं होती है। यह वाहन की खरीद के बाद से शुरुआती अवधि के लिए एक साधारण गारंटी है। वहीं पॉवरट्रेन वारंटी (Powertrain warranty) और बम्पर-टू-बम्पर (Bumper to Bumper) गारंटी निर्माता की वारंटी के दो सबसे सामान्य प्रकार हैं।
ये भी पढ़ें : Skoda लेकर आ रही है इलेक्ट्रिक कार,Audi Q4 e-Tron और Volkswagen ID4 के प्लेटफॉर्म पर होगी तैयार, जानिए खासियत
वाहन के भीतरी भागों के नुकसान, जिसमें इंजन, ड्राइवशाफ्ट और ट्रांसमिशन शामिल हैं, एक पावरट्रेन वारंटी द्वारा कवर किया जाता है। वहीं दो बंपर के बीच मिलने वाली वारंटी बम्पर-टू-बम्पर वारंटी कहलाती है। जिसमें पावरट्रेन के साथ अन्य चीजें भी शामिल है। ध्यान दें, कि बंपर-टू-बम्पर वारंटी में अक्सर कांच, सीट कवर और टायर जैसे आइटम शामिल नहीं होते हैं, जो नियमित रूप से टूट-फूट के अधीन आते हैं।
वाहन के मालिक को वाहन के लिए एक एक्सटेंड वारंटी खरीदने की आवश्यकता होती है जो निर्माता की वारंटी समाप्त होने के बाद ही लागू होती है। आपके वाहन की एक्सटेंड वारंटी आपको वाहन के प्रति जिम्मेदार बनाती है। लेकिन कार खरीद के समय मिलने वाली वारंटी अभी भी सक्रिय है, तो इसके ऊपर यह एक्सटेंड वारंटी काम नहीं करती है। क्योंकि वाहन निर्माता की वारंटी समाप्त होने तक एक्सटेंड वारंटी सक्रिय नहीं की जा सकती हैं, इसलिए निर्माता की वारंटी समाप्त होने के बाद ही इन्हें बढ़ाया जाता है।