सबसे पहली बात आपको यह याद रखनी चाहिए कि लोन लेने वाला ग्राहक पहले महीने भुगतान ना करने पर डिफ़ॉल्टर नहीं कहलाते हैं। अगर कर्जदार के खाते से 90 दिनों से अधिक समय तक ईएमआई नहीं भरी गई है, तो उसे एनपीए Non-performing asset कर दिया जाता है। अगर आपको नहीं पता है, तो बता दें कि एनपीए का मतलब है कि आपने लगातार 3 ईएमआई का भुगतान नहीं किया है, और आप डिफ़ॉल्टर घोषित हो सकते हैं।
कैसे समझे परिस्थिति
1. अगर आप किसी भी परिस्थिति में ईएमआई का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपने बैंक या फाइनेंस संस्था से संपर्क करने की जरूरत है। बैंक से आप अपनी ईएमआई ना भरने की जायज वजह को बताकर अपने ऊपर लगने वाले ब्याज से छुटकारा पा सकते हैं।
वहीं अगर बैंक या फाइनेंस कंपनी ने आपकी अपील को खारिज कर दिया है, और लगातार आपके खाते से चेक बाउंस हो रहा है, तो आपको 2 से 3 महीने तक इसके लिए परेशान होने के जरूरत नहीं है। बजाय इसके आप चौथे महीने ईएमआई को भरने की तैयारी कर सकते हैं, क्योंकि हम पहले ही बता चुके हैं, कि तीन महीनों तक ईएमआई ना देने कानूनी तौर पर कोई गुनाह नहीं है।
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कैसे करें बचाव
ऐसे केस में सलाह दी जाती है, कि आप किसी भी तरह ईएमआई का भुगतान करें। 3 महीनें की ईएमआई आपको भारी लग रही है, तो आप 2 महीने की किश्त का भुगतान करके भी कुछ समय तक इस झमेले से छुटकारा पा सकते हैं। वहीं ऐसे केस में आप बैंक से सेटेलमेंट भी कर सकते हैं, जिसके लिए आपको कुछ महीनों का समय भी दिया जाएगा। बैंक द्वारा दिए गए समय के भीतर आपको ईएमआई या बैंक के साथ हुई समझौते की राशि जमा करनी होती है। हालांकि इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है।