बता दें, कि इससे पहले पुलिस यातायात को रोक देती थी और वाहन की जांच करना शुरू कर देती थी, जिससे लंबा जाम लग जाता था। अब जारी किए सर्कुलर में कहा गया है, कि ट्रैफिक पुलिस वाहनों की जांच नहीं करेगी, खासकर जहां एक चेक ब्लॉक है, वे केवल यातायात की निगरानी करेंगे और इस पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि यातायात सामान्य रूप से चलता है। हालांकि, किसी भी वाहन को रोकने की इजाजत तभी होगी, जब यातायात की गति को प्रभावित कर रहा हो। इस सर्कुलर में यह भी कहा गया है, कि प्राथमिकता यातायात की निगरानी और आवाजाही होनी चाहिए। वाहनों को बेवजह रोकना नहीं है।
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ध्यान दें, कि यातायात पुलिस अभी भी नियम तोड़ने वाले वाहनों को रोकेगी और उन पर यातायात पुलिस द्वारा मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए जाएंगे। इसके अलावा, उन्हें अब वाहन के Boot Space की जांच करने की अनुमति नहीं है। ट्रैफिक पुलिस यदि इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो वरिष्ठ निरीक्षक इसके लिए जिम्मेदार होंगे। बताते चलें, कि पिछले साल इसी तरह के आदेश में मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने कहा था। कि ट्रैफिक पुलिस को सिर्फ दस्तावेजों की जांच के लिए नहीं रोका जा सकता। कमिश्नर ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि ट्रैफिक बढ़ रहा था, और ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक चेक करने के लिए वाहन को रोक देती थी। जिससे लंबा जाम लग जाता है।