ऑटोमोबाइल

पुराने वाहनों के लिए 1 अप्रैल 2022 से बदल जाएगा यह नियम

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने दी पुराने वाहनों को नष्ट करने के नियम को मंजूरी।
सरकारी और पीएसयू के स्वामित्व वाले 15 साल पुराने वाहनों के लिए स्क्रैपेज पॉलिसी।
सरकार का तर्क है कि इससे ऑटोमोबाइल उद्योग का कारोबार बढ़ेगा।

Rules for old vehicles are changing from April 1, 2022

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को एक बड़े फैसले में 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को नष्ट करने की नीति को मंजूरी दे दी। हालांकि यह नियम सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में इस्तेमाल होने वाले वाहनों पर लागू होगी। यह नीति 1 अप्रैल, 2022 से केंद्रीय और राज्य सरकार के स्वामित्व वाले वाहनों पर लागू होगी।
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पिछले साल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वाहन नष्ट करने की नीति सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है जो प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए है। प्रस्तावित नीति का उद्देश्य महामारी से प्रमुख रूप से प्रभावित ऑटोमोबाइल उद्योग में अधिक मांग पैदा करना है।
मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, “केंद्रीय मंत्री… ने सरकारी विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वामित्व वाले वाहनों की डी-रजिस्ट्रेशन और स्क्रैपिंग की नीति को मंजूरी दे दी है, जो 15 वर्ष से अधिक आयु के हैं। यह अधिसूचित किया जाना है और 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होगा।”
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पिछले साल जुलाई में केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को हटाने की अनुमति देने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव किया था।
स्क्रैपेज पॉलिसी के आधार पर परिवहन मंत्रालय ने पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने के लिए सरकार के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मंत्रालय का उद्देश्य अनफिट और प्रदूषण वाले वाहनों को रोककर पर्यावरण को साफ करना है। ग्रीन टैक्स के माध्यम से एकत्रित राजस्व का उपयोग प्रदूषण से निपटने के लिए किया जाएगा।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमने प्रस्ताव पेश कर दिया है और मैं उम्मीद कर रहा हूं कि हमें स्क्रैप पॉलिसी के लिए जल्द से जल्द मंजूरी मिल जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि एक बार नीति को मंजूरी मिलने के बाद, भारत एक ऑटोमोबाइल हब बन जाएगा और ऑटोमोबाइल की कीमतों में भी कमी आएगी।
उन्होंने पहले भी कहा था कि ऑटोमोबाइल उद्योग के कारोबार में इजाफा होगा, जो 1.45 लाख करोड़ से अधिक के निर्यात के साथ तकरीबन 4.5 लाख करोड़ का है।

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