ऑटोमोबाइल

कार-बाइक मालिकों के लिए बड़ी ख़बर! 1 अप्रैल से पहले करा लें ये काम वरना देना होगा भारी जुर्माना, लग सकती है 8 गुना चपत

Old Vehicle Re-Registration: 15 साल से पुराने कारों के पंजीकरण को रेनुअल करने की लागत अब 5,000 रुपये होगी, जिसके लिए अब तक महज 600 रुपये चुकाना पड़ता है। इसके अलावा पुरानी बाइक्स का रजिस्ट्रेशन भी अब महंगा हो जाएगा।

Mar 15, 2022 / 01:01 pm

Ashwin Tiwary

Old Vehicle Re-Registration

पुराने का मालिकों के लिए ये बेहद ही जरूरी खबर है। दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में एक अप्रैल से 15 साल से पुराने वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना महंगा हो जाएगा। एक दशक से अधिक पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण की लागत अगले महीने से 8 गुना तक बढ़ जाएगी। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये नया नियम आगामी 1 अप्रैल से देश में लागू होगा।

HT की एक रिपोर्ट के अनुसार, 15 साल से पुराने कारों के पंजीकरण को रेनुअल करने की लागत अब 5,000 रुपये होगी, जिसके लिए अब तक महज 600 रुपये चुकाना पड़ता है। वहीं दोपहिया वाहन के लिए, ग्राहक को 300 रुपये के बजाय 1,000 का भुगतान करना होगा। जबकि आयातित (Imported) कारों के लिए लागत 15,000 रुपये के बजाय 40,000 रुपये खर्च करना होगा।

रेनुअल में देरी पर देना होगा जुर्माना:

इसके अलावा, निजी वाहनों के पुन: पंजीकरण में देरी से हर महीने अतिरिक्त 3000 रुपये खर्च होंगे। कमर्शियल वाहनों के लिए हर महीने 500 का जुर्माना देना होगा। नए नियमों के मुताबिक, 15 साल से पुराने हर निजी वाहन को हर पांच साल में नवीनीकरण के लिए आवेदन करना होगा। हालाँकि, यह नियम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को छूट देता है, ऐसा इसलिए है, क्योंकि शहर में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को क्रमशः 15 और 10 वर्षों के बाद अपंजीकृत माना जाता है।

इतना ही नहीं पुराने ट्रांसपोर्ट और कमर्शियल वाहनों के फिटनेस टेस्ट का खर्च भी अप्रैल से बढ़ जाएगा। परिवहन मंत्रालय द्वारा संशोधित दरों के अनुसार, फिटनेस टेस्ट की लागत 1 अप्रैल से टैक्सी वाहनों के लिए 1,000 रुपये के बजाय 7,000 रुपये होगी। वहीं बसों और ट्रकों के लिए 1,500 रुपये के बजाय 12,500 रुपये होगी। इसके अलावा आठ साल से पुराने कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा।

यह भी पढें: 24 मार्च को लॉन्च होगी ये सस्ती इलेक्ट्रिक बाइक, कम कीमत में देगी 200Km की रेंज

केंद्र सरकार ने कम्पलायंस फीस में इसलिए वृद्धि की है ताकि मालिक अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करना चुन सकें जिससे प्रदूषण पर लगाम लगाने में मदद मिले। जानकारी के अनुसार भारत में एक करोड़ से अधिक वाहन स्क्रैपिंग के योग्य हैं। कार मालिकों के लिए पुराने वाहनों को स्क्रैप करना आसान बनाने के लिए केंद्र ने प्रक्रिया को ऑनलाइन भी कर दिया है, ताकि लोग आसानी से अपने वाहनों को स्क्रैप में भेज सकें।

Hindi News / Automobile / कार-बाइक मालिकों के लिए बड़ी ख़बर! 1 अप्रैल से पहले करा लें ये काम वरना देना होगा भारी जुर्माना, लग सकती है 8 गुना चपत

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.