ये प्राइवेट ड्राइविंग सेंटर सिर्फ 5 साल के लिए वैध होंगे और आगे चलाने के लिए इन्हें फिर से रिन्यू कराया होगा। सड़क और परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार, यदि आप राज्य से मान्यता प्राप्त ड्राइविंग लर्निंग सेंटर में परीक्षा पास करते हैं तो आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं है। यानी लाइसेंस लेने के लिए ड्राइविंग लर्निंग सेंटर का प्रमाणपत्र पर्याप्त होगा। जानकारी के लिए बता दें, यहां दी गई जानकारी निजी कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए है, वहीं अगर आप निजी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करते हैं, तो उसका अलग प्रवाधान है।
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Private Vs Commercial Vehicle Type
MC50cc – 50 सीसी या उससे कम इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों के लिए होते हैं, MC EX50CC – 50CC या उससे अधिक की गियर और क्षमता वाले LMV (कार, मोटरसाइकिल) के लिए, MCWOG/FVG – किसी भी इंजन क्षमता वाली लेकिन बिना गियर वाली मोटरसाइकिलें, M/CYCL.WG – गियर वाली/बिना गियर वाली सभी मोटरसाइकिलें। कमर्शियल वाहनों में एचएमवी – भारी मोटर वाहन, एचजीएमवी – भारी माल मोटर वाहन, एचपीएमवी/एचटीवी – भारी यात्री मोटर वाहन/भारी परिवहन वाहन, एमजीवी – मध्यम माल वाहन, एलएमवी – एलएमवी – मोटरकार, डिलीवरी वैन, जीप और टैक्सी, ट्रेलर – भारी ट्रेलर लाइसेंस आदि। इसके अलावा एक अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस भी है।
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ध्यान दें, कि ड्राइविंग लाइेंसस को लेकर सरकार का सख्त रुख नजर आ रहा है, जहां पहले आपको घंटो तक लाइन में लगकर अपने टेस्ट के लिए इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। यानी लाइन में लगने का झंझट खत्म हो गया है, इसके अलावा अगर आप डीएल मेंं अपना पता बदलना चाहते हैं, या कुछ अन्य बदलाव करना तो घर बैठें आप आसानी से प्रोसेस कर सकते हैं।