आइए एक नज़र डालते है महिंद्रा ग्रुप के इतिहास पर।
मुहम्मद एंड महिंद्रा हुआ करता था नाम
1945 में महिंद्रा ग्रुप की शुरुआत हुई थी तब इसे मुहम्मद एंड महिंद्रा कहा जाता था। जे.सी. महिंद्रा, के.सी. महिंद्रा और मलिक गुलाम मुहम्मद ने पंजाब के लुधियाना में स्टील ट्रेडिंग के लिए इस कंपनी की शुरुआत की थी।
विभाजन की कहानी
1947 में भारत को आज़ादी मिलने के बाद इसका विभाजन हो गया। तब मलिक गुलाम मुहम्मद ने कंपनी और भारत छोड़कर पाकिस्तान जाने का रास्ता चुना।
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मुहम्मद एंड महिंद्रा से महिंद्रा एंड महिंद्रा बनने का सफर
गुलाम मलिक मुहम्मद के भारत छोड़ने के बाद 1948 में कंपनी का नाम मुहम्मद एंड महिंद्रा से बदलकर महिंद्रा एंड महिंद्रा रखा गया। इसके बाद 1949 में कंपनी ने स्टील ट्रेडिंग का काम छोड़कर Willy जीप के प्रोडक्शन का काम शुरू किया।
पब्लिक हुई कंपनी
15 जून 1955 को महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर्स की बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग हुई इसी के साथ यह कंपनी एक पब्लिक बन गई।
महिंद्रा ट्रैक्टर डिवीज़न की शुरुआत
1961 में भारतीय कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ट्रैक्टर बनाने के लिए अमरीका में कृषि मशीनरी, निर्माण उपकरण, ट्रक आदि की निर्माता कंपनी के पार्टनरशिप शुरू की। इसी के साथ महिंद्रा ट्रैक्टर डिवीज़न की शुरुआत हुई।
देश के ट्रैक्टर मार्केट में बादशाहत
1983 तक कंपनी भारत में ट्रैक्टर मार्केट में सबसे बड़ी कंपनी बन गई। आज भी महिंद्रा की भारतीय ट्रैक्टर मार्केट में बादशाहत कायम है।
नई सदी, नई शुरुआत
साल 2000 में कंपनी ने नए लोगो की शुरुआत की। साथ ही कंपनी ने गाड़ियां बनाना भी शुरू कर दिया। आज महिंद्रा देश में सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनियों में से एक है।
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