क्यों ज़रूरी है पीयूसी सर्टिफिकेट?
पीयूसी सर्टिफिकेट सिर्फ व्हीकल के पॉल्यूशन का लेवल बताने के लिए ही नहीं, और भी कुछ ज़रूरी कामों के लिए काम आता है। इसे हर 6 महीने में रिन्यू कराना होता है। पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर परेशानी भी हो सकती है। आइए जानते हैं कैसे।
1. कट सकता है हज़ारों का जुर्माना
पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना व्हीकल चलाते हुए पकड़े जाने पर जुर्माने का प्रावधान है। ट्रैफिक नियमों के अनुसार अगर ट्रैफिक पुलिस आपको बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के व्हीकल चलाते हुए पकड़ लेती है तो आप पर हज़ारों रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। इसे समय पर रिन्यू नहीं कराने पर भी हज़ारों रुपये का जुर्माना लग सकता है। कुछ राज्यों में जुर्माने की राशि 10 हज़ार रुपये तक है।
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2. इंश्योरेंस रिन्यू कराने में हो सकती है दिक्कत किसी भी व्हीकल के लिए इंश्योरेंस काफी ज़रूरी होता है। इंश्योरेंस को एक निश्चित समय के बाद रिन्यू कराना होता है। कोई भी इंश्योरेंस कंपनी व्हीकल का इंश्योरेंस रिन्यू करने के लिए व्हीकल का पीयूसी सर्टिफिकेट मांगती हैं। और वो भी रिन्यू कराया हुआ पीयूसी सर्टिफिकेट। बिना इसके व्हीकल का इंश्योरेंस रिन्यू नहीं होता है।
3. इंश्योरेंस क्लेम में भी होती है दिक्कत
बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के व्हीकल का इंश्योरेंस क्लेम करने में भी दिक्कत होती है। व्हीकल के इंश्योरेंस क्लेम के समय इंश्योरेंस कंपनी पीयूसी सर्टिफिकेट मांगती हैं। इसके नहीं होने पर इंश्योरेंस क्लेम में दिक्कत हो सकती है।