कितनी बढ़ेगी ईएमआई?
ध्यान दें, कि पसर्नल और ऑटो लोन निश्चित ब्याज दरों पर आकर्षित होते हैं। तो जो लोग पहले से ही लोन ले चुके हैं, उनके लिए चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि ईएमआई और ब्याज दरें समान रहेंगी। हालांकि, फ्लोटिंग रेट नए लोन की तरह महंगे हो जाएंगे। उदाहरण के तौर पर मान लिजिए 7.5% पर आपने 5 साल के लिए 4 लाख रुपये का ऑटो लोन लिया हुआ है, और आपकी ईएमआई अब 8,015 रुपये है, जिस पर कुल ब्याज भुगतान 80,911 रुपये है। अगर दर बढ़कर 7.5% से 7.9% हो जाती है, तो ईएमआई बढ़कर 8,091 रुपये हो जाएगी और कुल ब्याज भुगतान 85,486 रुपये हो जाएगा। यानी मंथली ईएमआई पर करीब 70 रुपये बढ़ जाएंगे और ब्याज करीब 4500 रुपये बढ़ेगा।
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क्या है रेपो दर?
रेपो दर वह दर है जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को उधार देता है, जिसका अर्थ है कि यह कदम उधार को महंगा बनाने के लिए निर्धारित है। रेपो दर में वृद्धि का अर्थ है कि बैंक अपनी उधार दरों में भी वृद्धि करेंगे, विशेष रूप से होम लोन की ब्याज दरों में, जिसका अर्थ है कि उधारकर्ताओं के लिए ईएमआई में वृद्धि होगी। कुल मिलाकर कम ईएमआई के दिन अब समाप्त हो गए हैं। ध्यान दें, कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने सोमवार को अपनी कार लोन की ब्याज दरों में 25 आधार अंकों (बीपीएस) की कटौती की घोषणा की, जो पहले की 7.25% की दर से 7% प्रति वर्ष थी। इसके साथ ही बैंक ने सभी कार लोन पर प्रोसेसिंग फीस 1500 रुपये कर दी है, जिसका लाभ ग्राहक 30 जून तक ले सकते हैं।