ये भी पढ़ें- सजा नहीं मौज का अड्डा बना जेल परिसर, कैदी कर रहे हैं ऐसा गलत काम, तस्वीरें वायरल होने पर यूपी पुलिस में हड़कंप वाहन चालकों का होगा चेकअप, बस में होंगे दो ड्राइवर-
अनुमन सड़क हादसों की पीछे बस ड्राइवर की आंख लग जाने की वजह सामने आती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वाहन चालकों का मेडिकल चेकअप, लाइसेंस की जांच व सम्पूर्ण स्क्रीनिंग हो। चालकों के स्टेयरिंग पर बैठने से पूर्व व गंतव्य तक पहुंचने पर उनका ब्रेथ एनेलाइजर टेस्ट कराया जाए। साथ ही रात में 400 किमी से ज्यादा चलने वाली बसों में दो ड्राइवर रहें।
ये भी पढ़ें- यूपी के इन 7 शहरों में नक्सलियों ने दी दस्तक, आई बहुत बड़ी खबर, यूपी पुलिस अलर्ट स्कूल वाहन को चालकों का हों पुलिस सत्यापन- सीएम योगी ने बैठक में स्कूली बच्चों को ले जाने वाहनों की ओर भी ध्यान दिया। और अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन वाहनों को रिजेक्ट कर दिया जाता है, उन्हें स्कूल में प्रयोग में न लाया जाए। साथ ही स्कूल का वाहन चलाने वाले सभी चालकों की मेडिकल जांच के साथ ही पुलिस सत्यापन भी कराएं। साथ ही कहा कि चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करे कि किसी हादसे के 10-15 मिनट की अवधि के भीतर वहां पर घायलों के लिए जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों। जितने भी ट्रामा सेंटर हैं, वो चलने चाहिए, इनमें आर्थोपैडिक सर्जन की व्यवस्था हो।
ये भी पढ़ें- विधानसभा उपचुनाव को लेकर सपा ने सबसे पहले जारी किया बड़ा बयान, अखिलेश ने 12 प्रत्याशियों के चयन को लेकर की बहुत बड़ी घोषणा सभी जिलाधिकारियों को दिए निर्देश- मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जिले के सम्बंधित अधिकारियों के साथ हर माह बैठक करें। जिसकी समीक्षा हर महीने मुख्य सचिव द्वारा हो। हर तीन महीने पर सड़क सुरक्षा को लेकर सूचना विभाग, परिवहन विभाग और यातायात विभाग व्यापक अभियान चलाए। उन्होंने कहा कि हर 15 किमी पर रंबल स्ट्रिप हो। हाइवे पेट्रोलिंग वाहन, डायल 100 व एम्बुलेंस के कर्मचारियों को सही ढंग से प्रशिक्षण दिया जाए व ओवर स्पीड पर नियंत्रण की प्रभावी व्यवस्था हो। अगस्त के पहले सप्ताह में फिर से समस्त बिन्दुओं की समीक्षा की जाए।