Mahamaya Temple : 18 कमरों में सिर्फ मनोकामना ज्योत
महामाया मंदिर (Mahamaya Temple) ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी सतीश शर्मां ने बताया कि मंदिर के 18 कमरों में 30 हजार मनोकामना ज्योत की व्यवस्था की गई है। पहले दिन सुबह 11 बजे तक गर्भगृह के ज्योत से लगभग सभी मनोकामना ज्योत प्रज्वलित कर दी गईं। कमरे के आकार के अनुसार 1100, 1500, 1800 और 2500 ज्योत कलश रखे गए हैं। इनकी देखरेख के लिए करीब 300 व्यक्तियों को लगाया है। इनमें से सात समुंदर पार के कई श्रद्धालुओं की ज्योत भी जल रही है। मंदिर ट्रस्ट का दावा है कि इतनी संख्या में मनोकामना ज्योत देश के किसी मंदिर में प्रज्वलित नहीं होती हैं।Mahamaya Temple : 16 स्तंभों पर टिका है मंदिर का मंडप
कलचुरी वंश के शासक रत्नदेव प्रथम ने रतनपुर को अपनी राजधानी बनाकर इस मंदिर का निर्माण कराया था। यह कलचुरी वंश के राजाओं की कुलदेवी मानी गईं। नागर शैली में बना मंदिर का मंडप 16 स्तंभों पर टिका है। गर्भगृह में आदिशक्ति मां महामाया की साढ़े तीन फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित है। मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 1552 में हुआ था। मंदिर का जीर्णोद्धार वास्तुकला विभाग द्वारा कराया गया है। मंदिर की स्थापत्य कला भी बेजोड़ है। गर्भगृह और मंडप एक आकर्षक प्रांगण के साथ किलेबंद हैं, जिसे मराठा काल में बनाया गया था। यह भी पढ़ें :Skandmata Ki Aarti: मां स्कंदमाता की आरती, नियमित पढ़ने से मिलती है शक्ति और समृद्धि