शनि की महिमा
पौराणिक शास्त्रों में शनि को दंडाधिकारी और कर्मफलदाता कहा गया है। यानी शनि ही एक मात्र ऐसे ग्रह हैं जो मनुष्य के कर्मों के आधार पर शुभ और अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि ऐसे व्यक्ति को कभी माफ नहीं करते, जो अनैतिक और गलत काम करता है। ऐसे लोगों को शनि देव कठोर दंड प्रदान करते हैं। यही कारण है कि शनि के नाम से ही लोग घबराने लगते हैं।
शुभ शनि के दिखते हैं ये लक्षण – मजदूर और कमजोर व्यक्तियों का समर्थन पाता है।
– धीरे-धीरे जीवन में सफलता पाता है।
– पिता से मतभेद बना रहता है।
– बहुत ही खुद्दार होता है।
– नियमों को मानने वाला होता है।
– सही को सही और गलत को गलत कहने का साहस रखता है।
– विवाह में देरी होती है।
– व्यक्ति कठोर परिश्रम करने वाला होता है।
अशुभ शनि हो तो दिखते हैं ऐसे लक्षण
– सफलता देर से मिलती है।
– धन की कमी बनी रहती है।
– कर्ज उतारने में दिक्तत आती है।
– सिर के बाल झडऩे लगते हैं।
– व्यर्थ की यात्राएं करनी पड़ती हैं।
– कोई रोग हो तो उसका पता देर से चलता है।
– दांपत्य जीवन में बाधाएं हमेशा बनी रहती हैं।
– सगे-संबंधियों, रिश्तेदारों से संबंध मधुर नहीं रहते हैं।