- पहला सावन सोमवार व्रत: 22 जुलाई
2. दूसरा सावन सोमवार व्रत: 29 जुलाई
3. तीसरा सावन सोमवार व्रत: 5 अगस्त
4. चौथा सावन सोमवार व्रत: 12 अगस्त
5. पांचवां सावन सोमवार व्रत: 19 अगस्त
सावन सोमवार का महत्व
हिंदू धर्म के अनुसार भगवान शिव ही एक मात्र संपूर्ण पारिवारिक जीवन जीने वाले देवता है, उनका जीवन मनुष्यों को सीख देता है कि कैसे धरती पर जीवन जीना है। साथ ही इससे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि सावन के सोमवार को भगवान भोलेनाथ की पूजा से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि सुहागिन महिलाएं यह व्रत रखती हैं तो उनका वैवाहिक जीवन सुखी होता है। वहीं कुंवारी लड़कियां अच्छे वर के लिए व्रत रखती है।साथ ही भगवान के आशीर्वाद से उनके जीवन में सुख शांति संपन्नता बनी रहती है और बिगड़े काम बनने लगते हैं। सावन के सोमवार में व्रत रखने से परिवार में खुशियां आती हैं और जीवन की सभी समस्याएं और अड़चनें दूर होती हैं। आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से जन्मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।
सावन व्रत की पूजा-विधि (Sawan Somvar vrat puja vidhi)
- सावन सोमवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- इसके बाद घर का पूजा स्थल साफ करें और उसे फूलों से सजाएं।
- फिर शिव जी के ऊं नमः शिवाय मंत्र या दूसरे मंत्र पढ़ते हुए शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहर, चीनी से बना पंचामृत अर्पित करें।
- भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, फल, फूल चढ़ाएं और ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
- शिव जी की आरती करें, शिव चालीसा का पाठ करें, मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।
- भगवान शिव को सूजी के हलवे, मालपुए, खीर और अन्य मिठाई का भोग लगाएं।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||