राहु केतु की समस्या को कंट्रोल करता है लहसुन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लहसुन राहु की समस्या जैसे बीपी, कोलेस्ट्रॉल और मानसिक समस्याओं को कम करने में मदद करता है। दूसरी ओर प्याज केतु की समस्या जैसे त्वचा संक्रमण (उच्च सल्फर), बुखार, फंगल संक्रमण में मदद करता है। ये भी पढ़ेंः संजीवनी बूटी से कम नहीं है यह लता, कोरोनाकाल में हुआ था जमकर उपयोग, जानें उत्पत्ति की पौराणिक कहानी
राहु केतु की सक्रियता का लक्षण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लार राहु का प्रतीक है, और रक्त केतु का प्रतीक है। जो व्यक्ति अधिक लार टपकाता है, अधिक थूकता है, उसका राहु बहुत सक्रिय होता है। यहां तक कि तम्बाकू (राहु) चबाने वालों की भी लार बहुत अधिक निकलती है। केतु अक्सर चोट, फोड़े, बवासीर, कट आदि से रक्त की कमी का कारण बनता है। सक्रिय केतु वाले लोग आमतौर पर ऐसी किसी भी समस्या का सामना करते हैं। बहता हुआ रक्त आमतौर पर मंगल होता है और टपकता हुआ रक्त केतु होता है।