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धर्म/ज्योतिष

आखिरी श्राद्ध पर घट रही अशुभ घटना, दुष्प्रभाव से बचने के लिए श्राद्ध में रखनी होगी ये सावधानी

Pitru Paksha inauspicious event : पितृ पक्ष में सर्व पितृ अमावस्या के आखिरी श्राद्ध के दिन अशुभ खगोलीय घटना घट रही है, जिसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए आइये जानें हमें किन श्राद्ध के नियम का पालन करना चाहिए..

जयपुरSep 23, 2024 / 12:41 pm

Pravin Pandey

पितृ पक्ष में अशुभ घटना

कब से कब तक पितृ पक्ष

Pitru Paksha: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अश्विन कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन अमावस्या तक का समय पितृ पक्ष कहलाता है। इस समय पितृ पूजा का नियम है। इस अवधि में पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इससे पितृ तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं, उनको कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस साल अश्विन अमावस्या यानी आखिरी श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या 2 अक्टूबर 2024 को है। लेकिन इस साल आखिरी श्राद्ध के दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है, जिसे हिंदू धर्म और ज्योतिष में अशुभ घटना मानी जाती है। ऐसे में कई लोगों के मन में संशय है कि क्‍या पितृ पक्ष के दिन लग रहे सूर्य ग्रहण के बाद भी तर्पण करना चाहिए या नहीं


अशुभ घटना के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सावधानी

काशी के पुरोहित पं शिवम तिवारी के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या पर लग रहा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए भारत में इसका सूतक काल नहीं होगा। लेकिन आखिरी श्राद्ध पर पितरों का पिंडदान करते समय कुछ विशेष सावधानी रखनी होगी।

पं तिवारी के अनुसार आखिरी श्राद्ध पर सूर्य ग्रहण रात के समय लग रहा है, इसलिए इस दिन तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध आदि दिन में ही संपन्‍न कर लेना चाहिए। इस तरह पितृ पक्ष के इस कर्म पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं रहेगा।
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कब है सूर्य ग्रहण 2024

पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण सर्व पितृ अमावस्या के दिन 02 अक्‍टूबर 2024 को रात को 09.13 बजे शुरू होगा और यह मध्‍यरात्रि सुबह 03.17 बजे संपन्न होगा। यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्‍सों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली और पेरू आदि में दिखाई देगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।

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