धर्म/ज्योतिष

नृसिंह चतुर्दशी 21 को, गंगश्यामजी मन्दिर में भरेगा मलूका मेला

दोनों दिन प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी-चतुर्दशी होने पर पहले दिन चतुर्दशी व्रत रखने का नियम

जोधपुरMay 19, 2024 / 10:18 pm

Amit Dave

जोधपुर.वैशाख मास की शुक्ल चतुर्दशी मंगलवार को भगवान विष्णु के अवतार नृसिंह जयन्ती व प्राकट्योत्सव के रूप में मनाया जाएगा। चतुर्दशी तिथि पर नृसिंह जयन्ती व मलूका मेला आयोजन को लेकर भ्रम की स़्थिति बनी हुई थी। बाद में, पंडि़तों व ज्योतिषियों की चर्चा के बाद नृसिंह चतुर्दशी व मलूका मेला 21 मई मंगलवार को मनाने का निर्णय लिया गया। वहीं, इसी दिन जूनी धान मंडी स्थित गंगश्यामजी मंदिर में मलूका मेला भरा जाएगा। वहीं अन्य मंदिरों में भी आयोजन किए जाएंगे।

शास्त्रों का मत

किला रोड महादेव अमरनाथ के पं. कमलेशकुमार दवे, पं. नारायणदत्त शिवनारायण (सरदारजी) दवे, पं. प्रेमप्रकाश ओझा, पं. धीरेन्द्र दवे के अनुसार धर्मसिंधु, निर्णयसिंधु, व्रतराज आदि शास्त्रों में वर्णन किया गया है कि त्रयोदशी व चतुर्दशी दोनों दिन प्रदोष व्यापिनी है। शास्त्रों का मत है कि दोनों दिन होने पर पहले दिन अर्थात त्रयोदशी को ग्रहण करनी चाहिए। इस साल वैशाख शुक्ला त्रयोदशी व चतुर्दशी दोनों दिन प्रदोष व्यापिनी होने से पहले दिन अर्थात 21 मई मंगलवार त्रयोदशी शाम को ही नृसिंह जयन्ती मनाना शास्त्र सम्मत माना गया है।
पं. अचलेश्वर ओझा, गोपाल शर्मा दाधीच, रामेश्वर त्रिवेदी के अनुसार, जिस दिन प्रदोष व्यापिनी अधिक हो,इस दृष्टि से त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्यापिनी अधिक है। इसलिए 21 मई को नृसिंह जयन्ती मनाना शास्त्र सम्मत होगा। इस दिन स्वाति नक्षत्र होने पर भी यह दिन खास महत्व रखता है।

गंगश्यामजी मंदिर में भरेगा मेला

गंगश्यामजी मंदिर के मुख्य पुजारी मुरली मनोहर (मुन्नासा) शर्मा ने बताया कि पंडि़तों-ज्योतिषियों से इस संबंध में चर्चा कर सर्वसम्मति से नृसिंह चतुर्दशी 21 मई मंगलवार को मनाने का निर्णय लिया गया। इसलिए मंदिर में मंगलवार शाम को प्रदोष काल में मलूका मेला भरा जाएगा।

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