यदि घर में वास्तु नियमों का पालन नहीं किया जाय तो यह वास्तु दोष पैदा करता है। इसके दुष्प्रभाव से घर में रहने वाला व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रोगी बन सकता है, कई अन्य बीमारियां भी व्यक्ति को घेर लेती हैं। इस वास्तु दोष से निपटने और बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए वास्तु दोष के उपाय करना जरूरी है। आइये जानते हैं घर बनवाने में किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
घर में वास्तु दोष का लक्षण
Ghar me vastu dosh ka lakshan: वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर में समय-समय पर आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो रही है या घर में रहने वाले सदस्य बार-बार बीमार पड़ रहे हैं तो आपके घर में वास्तु दोष हो सकता है।घर के वास्तु नियम जिनका ध्यान रखना जरूरी
वास्तु शास्त्र में ऐसे कई नियमों के बारे में बताया गया है, जिसको ध्यान में रखकर घर के वास्तु दोष को कम किया जा सकता है, किसी परेशानी से बचा जा सकता है। साथ ही किसी बीमारी से बचा जा सकता है। आइये जानते हैं वो नियम … ये भी पढ़ेंः वास्तु दोष से हो सकती हैं ये 4 बीमारियां, जानें छुटकारा पाने के घरेलू वास्तु उपाय
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। जबकि घर में बाथरूम या तो उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण और पश्चिम दिशा के बीच पानी से संबंधित चीजें जैसे नल या कुआं नहीं होना चाहिए। इसके अलावा इस दिशा में वॉश बेसिन या वॉशिंग मशीन रखने से बचना चाहिए।
- घर में किसी सदस्य को बीमारी है तो दवाइयों को भूलकर भी दक्षिण के दिशा में न रखें। दवाइयों को उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
- यदि आप दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो दवा हमेशा उत्तर की ओर मुंह करके खाएं।
- वास्तु के अनुसार उत्तर और उत्तर पूर्व दिशा में भारी बॉक्स नुमा चीजें जैसे इन्वर्टर रखने से बचना चाहिए। इन दिशाओं में कोई भी वास्तु दोष होने पर घर में बीमारियों का घर बन सकता है।
- साथ ही घर में आपके सोने की दिशा भी ठीक होनी चाहिए। दक्षिण से उत्तर की तरफ सोने से व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।