भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार इस दुर्लभ घटना को बिना किसी टेलीस्कोप यानी नंगी आंखों से ही देखा जा सकता है। घारू के अनुसार इस समय वीनस और मून आपस में सिमटे से 2 डिग्री से कम के अंतर पर होंगे । शुक्र और मून की यह नजदीकी खगोल विज्ञान में एपल्स कही जाती है ।
सूर्यास्त के बाद 3 घंटे तक देख सकेंगे
सारिका ने बताया कि ये खगोलीय जोड़ी क्षितिज से कुछ उंचाई पर दिखने के बाद धीरे-धीरे नीचे आते जाएगी । इस जोड़ी को सूर्यास्त के बाद 3 घंटे से कुछ अधिक समय तक देखा जा सकेगा । इस समय चतुर्थी का हंसियाकार चंद्रमा माइनस 10.7 के मैग्नीट्यूड से चमक रहा होगा तो वीनस माइनस 4.4 के मैग्नीट्यूड से चमक रहा होगा ।
करीब 9 बजे तक देख सकेंगे यह घटना
घारू के अनुसार किसी खुले स्थान से इस मनोहर आकाशीय जोड़ी को देखा जा सकता है। नववर्ष वाले सप्ताह में खगोलप्रेमियों के लिए ऐसी घटना किसी गिफ्ट से कम नहीं है। बहरहाल, 3 जनवरी की शाम को करीब 6 बजे से रात लगभग 9 बजे तक केवल सीमित समय के लिए यह खगोलीय घटना देखी जा सकेगी।
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