मीडिया रिपोर्ट में तालिबान की एक चिट्ठी का जिक्र करते हुए बताया गया है कि इस्लामिक ओरिएंटेशन मंत्रालय के अधिकारियों ने हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में पुरुषों के हेयर ड्रेसिंग सैलून के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान तालिबानी हुक्मरानों ने बालों को स्टाइल नहीं करने और दाढ़ी को शेव नहीं करने की सलाह दी गई।
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तालिबान की चि_ी में बताया गया है कि स्टाइलिश हेयर स्टाइल और फैशन के लिए तरह-तरह की दाढ़ी रखने से मना कर दिया गया है। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि हेयर ड्रेसिंग सैलून के अंदर और आसपास गाने या हम्द यानी भजन बजाने पर भी रोक लगा दी गई है। फिलहाल हेलमंद में विभिन्न माध्यमों से लोगों को यह जानकारी दी जा रही है। इससे माना जा रहा है कि तालिबान एक बार फिर अपने 20 साल पुराने तौर-तरीकों पर लौट आया है।
तालिबान के इस फरमान के बाद अफगानिस्तान में सैलून संचालक और पुरूषों में खासकर युवाओं में निराशा है। लोगों ने तालिबान के डर से बालों को स्टाइल में कटवाना पहले ही बंद कर दिया है। अब दाढ़ी कटवाने पर भी रोक लगने के बाद से वे मायूस हैं। कई लोग तो डर की वजह से बाल और मूूंछ भी नहीं कटवा रहे। ऐसे में सैलून वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो रहा है।
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वहीं, तालिबान सरकार में खुद इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पिछले दिनों खबर आई थी कि तालिबान में दो गुट बन गए हैं और कुर्सी के लिए एक दूसरे की जान लेने पर उतारू है। एक गुट हक्कानी नेटवर्क के साथ मिल गया है। ब्रिटिश मैग्जीन ने इस पर एक रिपोर्ट भी है।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि सत्ता के लिए हो रहे इस संघर्ष में तालिबान के दो गुटों के समर्थक आपस में लड़ पड़े। एक गुट का साथ हक्कानी नेटवर्क ने दिया, जिसके बाद अखुंदजादा और बरादर को नुकसान उठाना पड़ा। यही नहीं, मैग्जीन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हाल ही में तालिबान के दोनों गुटों के बीच बैठक हुई थी। इस बैठक में हक्कानी नेटवर्क के भी कई नेता शामिल थे।