भारत का अफगानिस्तान में पहले से काफी निवेश है। इससे पहले तालिबान भारत को अपने अधूरे अपने काम को पूरा करने की बात करने चुका है। मगर भारत शायद अभी किसी तरह के फैसले को लेने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में तालिबान अब चीन को न्योता दे रहा है कि वह देश में विकास परियोजना को बढ़ावा देने में सामने आए।
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गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद दावे करे जा रहे हैं कि इस बार उसका रूप पहले से बदला हुआ है। वह पिछली बार जितना हिंसक व आक्रामक नहीं है। उधर, चीन ने भी दावा किया है कि तालिबान अब पहले जैसा क्रूर नहीं रहा। उसके काम के आधार पर संगठन का आकलन किया जाना चाहिए।
चीन ने गुरुवार को कहा था कि कि तालिबान अब पहले की तरह क्रूर नहीं रहा। वह अब खुला नजरिया रखता है। उम्मीद है कि तालिबान महिला सुरक्षा समेत अपने वादे जरूर पूरे करेेगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि हमें उम्मीद है कि तालिबान पिछला रवैया नहीं दोहराएगा।