काबुल में इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन के लड़ाके तैनात हैं, माना जा रहा है, भी वक्त धावा बोल सकते हैं। यानी कभी भी तख्ता पलट सकता है। यह भी पढ़ेंः काबुल पर कब्जे की तैयारी में तालिबान, जानिए भारत पर क्या पड़ सकता है असर शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हासिल करेगा तालिबान
तालिबान का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से ‘सत्ता’ हाथ में लेने की प्रक्रिया पूरी करेगा और इस दौरान आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाई जाएगा।
तालिबान का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से ‘सत्ता’ हाथ में लेने की प्रक्रिया पूरी करेगा और इस दौरान आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाई जाएगा।
देश के कार्यकारी गृहमंत्री का भी कहना है कि सत्ता हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से होगा। न्यूज एजेंसी असोसिएटेड प्रेस के मुताबिक तालिबान के लड़ाकों ने काबुल को चारों तरफ से घेर लिया है। धीरे-धीरे ये लड़ाके अपने कदम बढ़ा रहे हैं। इन लड़ाकों फिलहाल राजधानी के दरवाजों पर खड़े रहने को कहा गया है।
तालिबानी प्रवक्ता की मानें तो उनके लड़ाके काबुल की सीमा पर ही खड़े रहेंगे, जब तक सत्ता हस्तांतरण शांति पूर्ण ढंग से नहीं हो जाता। वे अंदर दाखिल नहीं होंगे।
बता दें कि इस दौरान काबुल की सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगान सरकार के ही हाथ में है।
बता दें कि इस दौरान काबुल की सुरक्षा की जिम्मेदारी अफगान सरकार के ही हाथ में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने साफ कहा है कि सभी नागरिकों का ध्यान रखा जाएगा। यही नहीं सेना को भी इस दौरान लड़ाकों की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जाएगा।
दरअसल तालिबान ने अपने बयान में सभी को माफ करने की बात कही है।
दरअसल तालिबान ने अपने बयान में सभी को माफ करने की बात कही है।
लोगों को घरों में रहने की सलाह
तालिबान की ओर से काबुल में सभी नागिरकों को घरों में रहने की सलाह दी है। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ-कुछ इलाकों में लड़ाके आगे बढ़ रहे हैं और शहर के अंदर घुसकर कब्जा कर रहे हैं।
तालिबान की ओर से काबुल में सभी नागिरकों को घरों में रहने की सलाह दी है। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ-कुछ इलाकों में लड़ाके आगे बढ़ रहे हैं और शहर के अंदर घुसकर कब्जा कर रहे हैं।
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जलालाबाद पर तालिबान के कब्जे के साथ ही अमरीकी दूतावास में हलचल तेज हो गई, अमरीकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलना शुरू हो गए।
जलालाबाद पर तालिबान के कब्जे के साथ ही अमरीकी दूतावास में हलचल तेज हो गई, अमरीकी दूतावास के निकट राजनयिकों के बख्तरबंद एसयूवी वाहन निकलना शुरू हो गए।
वहीं अमरीका और ब्रिटिश सैनिकों ने अपनी सरकार को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि इतने वर्षों तक उनके साथियों की जान बलिदान करने के बाद अब इस तरह देश को तालिबान के हवाले क्यों किया जा रहा है।