गिलानी ने कहा था कि चीन उइगर मुसलमानों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहा है। उन्हें जबरदस्ती कैंपों में बंद करके रखा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि गिलानी के इस बयान के बाद चीन भड़क गया है। पाक मीडिया के हवाले से आई खबरों में कहा गया है कि इस बारे में चीनी विदेश विभाग पाकिस्तान से औपचारिक विरोध दर्ज करा सकता है।
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पाकिस्तान के लिए नई मुसीबतगौरतलब है कि कश्मीर के सभी अलगाववादी गुट पाकिस्तान के मुखौटे हैं। पाकिस्तान इन्हें भारत के खिलाफ समय-समय पर इस्तेमाल करता रहता है। पाकिस्तान और अलगावादियों के बीच गठजोड़ किसी से छिपा नहीं है। इस मामले चीन भी हमेशा चुप्पी साधे रहता है। कई मौकों पर चीन अलगाववादियों को शह भी देता है। लेकिन गिलानी की उइगर मुसलमानों पर की गई टिप्पणी चीन को नाराज़ कर सकती है।
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हाल में 10 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र संघ की एक बैठक में पाकिस्तान,सऊदी अरब समेत करीब सभी मुस्लिम देशों ने चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार का बचाव किया था। मानवाधिकार संस्थाओं की रिपोर्ट के बाद भी ये देश चीन के साथ खड़े नजर आए। वहीं सभी करीब 22 यूरोपीय देशों ने बयान जारी कर चिंता जाहिर की थी। मुस्लिम देशों ने कहा था कि चीन ने आतंक और कट्टरता खत्म करने की प्रकिया में हमेशा मानवाधिकार का सम्मान किया है।
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