एशिया

खतरे में एवरेस्ट: नेपाल ने हटाया 11 टन पुराना कचरा, चार शव भी मिले

हर साल सैंकड़ों पर्वतारोही एवरेस्ट फतह करने के लिए जाते हैं।
नेपाल सरकार के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है।
नेपाल ने एवरेस्ट में फैले कचरे को साफ करने का अभियान शुरू किया है।

Jun 06, 2019 / 01:17 pm

Anil Kumar

एवरेस्ट में बढ़ा कचरे का ढेर, नेपाल ने चार शव के साथ निकाला 11 टन पुराना कचरा

काठमांडू। माउंट एवरेस्ट ( mount everest ) फतह करने के लिए हर साल सैंकड़ों लोग चढ़ाई करने जाते हैं, लेकिन कुछ ही लोग इसे सफलता पूर्वक हासिल कर पाते हैं। हाल के वर्षों में पर्वतारोहियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है, लिहाजा भीड़ बढ़ने के कारण इस साल कई पर्वतारोहियों की मौत हो चुकी है। भीड़ बढ़ने के कारण माउंट एवरेस्ट में गंदगियां भी फैली है। अब इन गंदियों को साफ करने के लिए नेपाल ( Nepal ) सरकार ने कदम उठाया है। बुधवार को नेपाल सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि नेपाली पर्वतारोहियों ने चार शवों को बरामद किया है और माउंट एवरेस्ट से लगभग 11 टन पुराना कचरा इकट्ठा किया है। दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ को साफ करने के अभियान के तहत बेस कैंप के नीचे सफाई अभियान चलाया गया है। सफाई अभियान में शामिल पर्वतारोही जो कि 8,850-मीटर (29,035-फीट) ऊंचे पहाड़ से लौटने के बाद कहते हैं कि इसकी ढलानें मानव मलमूत्र से भरी हैं, जिनमें ऑक्सीजन की बोतलें, फटे टेंट, रस्सियां, टूटी हुई सीढ़ी, डिब्बे और प्लास्टिक के रैपर आदि शामिल है जो कि पर्वतारोहियों ने आगे बढ़ते हुए इन सब चीजों को छोड़ दिया है। पर्वतारोहियों का कहना है कि यह एक ऐसे देश के लिए काफी शर्मनाक है जो कि एवरेस्ट अभियानों के जरिए भारी राजस्व कमाता है।

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सफाई अभियान में लगे हैं शेरपा

पर्वतारोहियों की बढ़ती संख्या के कारण दिन-ब-दिन माउंट एवरेस्ट में कचरों को ढेर बढ़ता जा रहा है। एवरेस्ट की ढलानों पर वर्षों से मरने वाले 300 लोगों में से कुछ के शरीर के साथ कचरा, सर्दियों के दौरान बर्फ के नीचे दब जाता है, लेकिन गर्मियों में बर्फ पिघलने पर ये सब दिखाई देता है। पर्यटन विभाग के महानिदेशक डांडू राज घिमिरे ने कहा कि 20 शेरपा पर्वतारोहियों की एक साफ-सफाई टीम ने अप्रैल और मई में बेस कैंप के ऊपर अलग-अलग कैंप स्थलों से पांच टन और नीचे के इलाकों से छह टन कूड़े को एकत्र किया। घिमिरे ने आगे कहा कि दुर्भाग्य से दक्षिण क्षेत्र में बैग में एकत्र किए गए कुछ कचरे को खराब मौसम के कारण नीचे नहीं लाया जा सका।

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1953 में पहली बार फतह किया था एवरेस्ट

एवरेस्ट को पहली बार 1953 में न्यूजीलैंड के रहने वाले सर एडमंड हिलेरी और शेरपा तेनजिंग नोर्गे ने जीता था और तब से लगभग 5,000 लोग शिखर पर पहुंच चुके हैं। हिलेरी और तेनजिंग के नेतृत्व वाले दक्षिण पूर्व रिज मार्ग पर जो कि कुछ 8,016 मीटर (26,300 फीट) पर स्थित है, और यह अंतिम शिविर का स्थान है जहां से पर्वतारोही अपने शिखर प्रयास शुरू करते हैं। सफाई अभियान के समन्वयक निम दोरजी शेरपा जो कि गांव के प्रमुख हैं जहां पर माउंट एवरेस्ट स्थित है, ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए बताया कि दो शवों को खंबू बर्फबारी से एकत्र किया गया था और दो अन्य शवों को पश्चिमी सीडब्ल्यूएम में शिविर तीन साइट से। अभी तक चारों की पहचान नहीं हो सकी है और यह भी नहीं पता है कि ये कब मरे हैं। मालूम हो कि 2015 में 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी जिसमें 9 नेपाली और दो तिब्बती थे। बता दें कि नेपाल ने इस साल अब तक 381 पर्वतारोहियों को परमिट जारी किया है। इसके लिए हर पर्वतारोही से 11 हजार डॉलर पंजीकरण फीस लिया गया है। नेपाल सरकार के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है।

 

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