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हमले की जांच के लिए राष्ट्रपति ने जांच कमिटी गठित की
सीरियल ब्लास्ट की जांच कराने के लिए राष्ट्रपति सिरीसेना ने 22 अप्रैल को एक जांच कमिटी गठित की। जांच कमिटी को पता करना था कि इस हमले का संबंध कहां और किससे जुड़े हुए हैं। फाइनल रिपोर्ट जमा करने से पहले जांच कमिटी ने राष्ट्रपति को दो अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी। शुरूआती जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि इस हमले को 9 आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया है, जिसमें एक महिला भी शामिल थी। सभी आत्मघाती हमलावरों ने कोलंबो में सेंट एंथोनी चर्च, पश्चिमी तटीय शहर नेगोंबो में सेंट सेबेस्टियन चर्च और पूर्वी शहर बटालिको में एक और चर्च के साथ पर्यटकों से भरे तीन बड़े होटलों को निशाना बनाते हुए हमले को अंजाम दिया था।
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सरकार ने स्थानीय कट्टरपंथी संगठन को ठहराया था जिम्मेदार
बता दें कि श्रीलंका की सरकार ने इस सीरियल ब्लास्ट के लिए स्थानीय इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन नेशनल तौहिद जमात ( NTJ ) को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि घटना के दो दिन बाद आतंकी संगठन ISIS ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इस हमले के बाद हरकत में आई पुलिस व जांच एजेंसियों ने 106 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया था, जबकि धमाकों के सिलसिले में एक तमिल माध्यम के शिक्षक और एक स्कूल के प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद राष्ट्रपति सिरीसेना ने प्रशासन पर भी कड़ी कार्रवाई की। उन्होंने पुलिस प्रमुख पूजिथ जयसुंदरा और उच्च रक्षा अधिकारी हेमासिरी फ्रनांडो को बर्खास्त कर दिया था। यह बताया गया था कि हमले से कई दिन पहले इंटेलिजेंस एजेंसियों ने यह सूचना दी थी कि इस तरह के हमले को अंजाम दिया जा सकता है।
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