शपथ ग्रहण में न्योता नहीं मिलने से तिलमिलाया पाकिस्तान, विदेश मंत्री कुरैशी ने कसा मोदी पर तंज
इमरान के हाथ लगेगी निराशा !भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस बारे में भारत ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। बताया गया है कि असल में भारत के पास ऐसा कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि अगर दोनों प्रधानमंत्री मिलते हैं, तो भारत, पाकिस्तान को आतंक की रेड लाइन से जरूर अवगत कराएगा। सूत्रों ने यह भी कहा कि बातचीत और आतंक पर भारत की नीति बेहद स्पष्ट है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों से भारत ने वार्ता के लिए पाकिस्तान की किसी भी पहल से इनकार कर दिया है।भारत ने हर बार यह कहा है कि पाकिस्तान को सीमा पार से होने वाले आतंक को बातचीत शुरू करने से पहले रोकना होगा।
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भारत ने नहीं दिया शपथ ग्रहण में न्योताइमरान खान द्वारा रविवार को लोकसभा चुनावों में उनकी शानदार जीत पर बधाई देने के लिए पीएम मोदी को फोन किये जाने के दो दिन बाद तक इस बात पर मंथन होता रहा कि क्या पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को मोदी के शपथ ग्रहण में बुलाया जाना चाहिए ? सोमवार शाम को भारत ने बिम्सटेक देशों के प्रतिनिधियों को बुलाने के साथ ही इस बात से परदा हट गया कि मोदी के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण में कौन से विदेशी मेहमान शामिल होंगे। जानकारों की मानें तो सार्क देशों को शपथ के लिए आमंत्रित करना भारत सरकार का एक मास्टर स्ट्रोक रहा जिसके जरिए पाकिस्तान को वह संदेश दे दिया गया जिसकी इन परिस्थितियों में जरुरत थी। आपको बता दें कि पिछली बार मोदी ने सार्क देशों के प्रतिनिधियों को अपनेव शपथ ग्रहण में बुलाया था। इस बार आतंकवाद को लेकर मोदी पाकिस्तान को न्योता नहीं देना चाहते थे। एक तो भारत पुलवामा और उसके बाद की घटनाओं को लेकर पाकिस्तान को बुलाना नहीं चाहता था। यह बात भी गौर करने योग्य है कि मोदी ने अपने चुनाव अभियान में पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा था। अगर वह इमरान खान को बुला लेते तो इससे विरोधियों को उन पर निशाना साधने का मौका मिल जाता। साथ ही मोदी पर पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया अपनाने का आरोप लगता।
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