लाहौर के बाहरी इलाके में की गई हत्या
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हैपी को गोली मारने वाले उसे ढेर करते ही फरार हो गए। बता दें कि हैपी खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) से संबंधित बताया जा रहा है। साक्षियों का कहना है कि इस वारदात को लाहौर के बाहरी इलाके में डेरा चहल गुरुद्वारे के पास अंजाम दिया गया।
पाकिस्तानी मीडिया दबाई जा रही है खबर
इस खालिस्तानी का नाम उन 8 आतंकियों में था, जिनके खिलाफ इंटरपोल ने बीते साल रेड नोटिस जारी किया था। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अभी तक हैपी के हत्या के मामले में कोई FIR दर्ज नहीं की गई है। पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी की लेकिन वहां किसी को जाने नहीं दिया। यही नहीं, पाकिस्तानी मीडिया में भी इस खबर को दबाने का काम किया जा रहा है।
कई तरह की उड़ रही हैं अफवाह
कहा जा रहा है कि हैपी अमृतसर का रहनेवाला था। इस पर वर्ष 2016-17 में पंजाब में RSS नेताओं की हत्या का आरोप है। हैपी की मौत को लेकर अभी कई तरह की अपुष्ट दावे हो रहे हैं। कहीं कहा जा रहा है कि यह हत्या नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले की किसी लेनदेन को लेकर हुई है। तो कुछ कह रहे हैं कि शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाया गया है। ऐसे में पुलिस को इस बारे में जानकारियां नहीं मिल पाई हैं।