पीएम मोदी ने भारत और जापान की साझा विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदू हो या बौद्ध मत, हमारी विरासत साझा है। हमारे आराध्य से लेकर अक्षर तक में इस विरासत की झलक मिलती है। पीएम ने कहा कि भारत और जापान के रिश्तों के ताने बाने में अतीत के बहुत से मजबूत धागे हैं। भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अतीत में भारत और जापान के इतिहास को जहां बुद्ध और बोस जोड़ते हैं, वहीं वर्तमान को आप जैसे नए भारत के दूत मजबूत कर रहे हैं। पीएम मोदी ने जापान के पीएम आबे को धन्यवाद देते हुए कहा कि, “भारत के प्रति और मेरे प्रति प्रधानमंत्री आबे का प्यार और स्नेह और हमेशा से रहा है। इस बार इसको नया आयाम देते हुए जिस प्रकार का विशेष सत्कार उन्होंने किया है, इसके लिए भी मैं प्रधानमंत्री जी का और जापान की जनता का आभार व्यक्त करता हूं।” पीएम ने कहा, “जापान में बसे भारतीयों ने जापानी दोस्तों के साथ मिलकर हमेशा से ही देश के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। स्वामी विवेकानंद जी को, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को, भारत की आज़ादी के आंदोलन को जो सहयोग जापान से मिला है, वो करोड़ों भारतीयों के दिल में हमेशा रहेगा।”
पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीयों का आह्वान किया कि वे ‘दीपावली के दीपक की तरह से’ पूरी दुनिया को अपने प्रकाश से रोशन कर देश का नाम ऊंचा करें। पीएम मोदी ने कहा कि ‘जिस तरह से दीपावाली के दिन दीपक जहां रहता है वहां उजाला फैलाता है, उसी तरह से आप भी जापान और दुनिया के हर कोने में अपना और अपने देश का नाम रोशन करें।’ पीएम ने कहा, “आप वो पुल हैं जो भारत और जापान को, दोनों देशों के लोगों को, संस्कृति और आकांक्षाओं को जोड़ते हैं। मुझे खुशी है कि आप अपने इस दायित्व को सफलता के साथ निभा रहे हैं। पीएम ने कहा कि, “आपने जिस तरह contribution और Co-exist to Conquer Hearts के मंत्र से जापानी दिलों में जगह बनाई है वो प्रशंसनीय है। मुझे प्रसन्नता है कि 30 हज़ार से अधिक का भारतीय समुदाय यहां हमारी संस्कृति के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहा है।”
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत परिवर्तन के बड़े दौर से गुजर रहा है। दुनिया आज मानवता की सेवा के लिए भारत के प्रयासों का गौरवगान कर रही है। भारत में जो नीतियों का निर्माण हो रहा है, जनसेवा के क्षेत्र में जो कार्य हो रहा है उसके लिए देश को सम्मानित किया जा रहा है। पीएम ने कहा कि अभी हाल में दुनिया की दो बड़ी संस्थाओं ने भारत के प्रयासों सराहा है, सम्मानित किया है। ग्रीन फ्यूचर में योगदान के लिए संयुक्त राष्ट्र ने चैंपियन ऑफ द अर्थ के रूप में, तो सिओल पीस फाउंडेशन ने सिओल पीस प्राइज देकर भारत को सम्मान दिया है। पीएम ने कहा कि ये सम्मान सवा सौ करोड़ जनों के प्रतिनिधि के रूप में भले ही मुझे दिया गया हो लेकिन मेरा योगदान माला के उस धागे जितना है जो मनकों को पिरोता है और संगठित होकर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। पीएम ने सिओल पीस फाउंडेशन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हालांकि उन्होंने ‘मोदिनोमिक्स’ की प्रशंसा की है लेकिन उनकी भावनाओं का पूरा सम्मान करते हुए मैं ये कहना चाहूंगा कि मोदिनोमिक्स के बजाय ये ‘इंडोनॉमिक्स’ का सम्मान है।
सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार Indian Solution एंड Global Application की भावना के साथ निरंतर काम कर रही है। हम पहले भारत की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और फिर उस मॉडल को दुनिया के दूसरे देशों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। जनधन, आधार और मोबाइल, यानि JAM के योगदान से जो ट्रांसपेरेंसी भारत में आई है, उससे अब दुनिया के दूसरे विकासशील देश भी प्रेरित हो रहे हैं। पीएम ने कहा कि भारत में बनाए गए इस सिस्टम की स्टडी की जा रही है। पीएम ने कहा कि डिजिटल ट्रांजैक्शन की हमारी आधुनिक व्यवस्था, जैसे भीम ऐप और रुपे कार्ड आदि को लेकर भी दुनिया के अनेक देशों में उत्सुकता है। बुलेट ट्रेन से लेकर स्मार्ट सिटीज तक आज जो न्यू इंडिया का नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो रहा है उसमें जापान की भागीदारी है। पीएम ने कहा कि भारत की मैनपावर, भारत की यूथ पावर को भी जापान की स्किल का लाभ मिल रहा है।
भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पीएम ने कहा कि हमने बहुत ही कम खर्च में चंद्रयान और मंगलयान अंतरिक्ष में भेजा है, अब 2022 तक भारत गगनयान भेजने की तैयारी में जुटा है। ये गगनयान पूरी तरह से भारतीय होगा और इसमें अंतरिक्ष जाने वाला भी भारतीय होगा। मेक इन इंडिया आज ग्लोबल ब्रांड बनकर उभरा है। आज हम ना सिर्फ भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए बेहतरीन प्रोडक्ट बना रहे हैं। विशेषतौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में भारत ग्लोबल हब बनता जा रहा है। भारत के डिजिटल ढाँचे की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में देश जबरदस्त प्रगति कर रहा है। ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी गांवों तक पहुंच रही है। भारत में 100 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन धारक हैं।